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  साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन: पहली बार जुटे 6 राज्यों के पुलिस अफसर, स्कूलों में साइबर अपराध की क्लास एसआई को भी दें जांच का अधिकार साइबर अपर...

 

साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन:पहली बार जुटे 6 राज्यों के पुलिस अफसर, स्कूलों में साइबर अपराध की क्लास एसआई को भी दें जांच का अधिकार




साइबर अपराध के लिए अब झारखंड का जामताड़ा ही नहीं, बल्कि मालदा, मेवाड़ जैसे कई नए हॉट स्पॉट बन गए हैं। इसकी रोकथाम के लिए टीनएजर को फोकस किया जाएगा। इसलिए स्कूलों में हर हफ्ते के पहले बुधवार को साइबर अपराध की क्लास होगी। 100 करोड़ लोगों को केंद्रित कर जागरूकता वाले संदेश भेजे जाएंगे। छत्तीसगढ़ से स्पेशल डीजी आरके विज ने साइबर अपराध की रोकथाम के लिए बने कानून में इंस्पेक्टर के बजाय सब इंस्पेक्टर को जांच का अधिकार देने और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के लिए एसओपी बनाने पर जोर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेतृत्व में पहली बार छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध की रोकथाम के लिए 6 राज्यों की बैठक हुई। इसमें उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के पुलिस अधिकारियों के साथ बैंक व टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर शामिल हुए। बैठक में सभी राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने साइबर अपराध की चुनौतियों के बारे में बताया। साथ ही, बैंक व टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने किस तरह अपराध रोकने में मदद कर सकते हैं, इस पर अपनी बात रखी। बैठक में इस बात पर चिंता जताई कि जामताड़ा ही नहीं, बल्कि अब मालदा, मेवाड़ और दक्षिण भारत में ऐसे कई हॉट स्पॉट बन गए हैं, जहां से साइबर अपराध के गिरोह संचालित हा़े रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता सबसे जरूरी है। इस दौरान स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा, एडीजी हिमांशु गुप्ता, एआईजी मनीष शर्मा, एएसपी कवि गुप्ता, दिनेश सिन्हा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी दीपक विरमानी आदि मौजूद थे।

मोबाइल रिचार्ज करने वाले ने बनाया बड़ा गिरोह
झारखंड पुलिस की ओर से आए प्रतिनिधि अरविंद कुमार ने बताया कि जो जामताड़ा गिरोह चुनौती बनकर उभरा, उसका मास्टरमाइंड सीताराम मंडल मोबाइल रिचार्ज करता था। इसी दौरान उसे ऐसे कस्टमर मिले, जिसने कहा कि आपको आने की जरूरत नहीं है। आप ओटीपी बताएंगे और रिचार्ज हो जाएगा। बाद में मंडल ने इसी को ऑर्गेनाइज्ड तरीके से अपराध का तरीका बनाया। अपने गांव के लोगों को शामिल किया। झारखंड पुलिस अधिकारी ने प्रेजेंटेशन में मंडल के खपरैल के मकान और बाद में महल को दिखाया। उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस ने ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया है, जिसमें दूसरे राज्यों की पुलिस सिर्फ डिटेल देगी तो आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

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