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आर्कटिक समुद्र में लगा लंबा 'जाम', 11 इंच मोटी बर्फ में फंसे 24 जहाज, रूस को करारा झटका

मास्‍को आर्कटिक समुद्र के जरिए यूरोप और एशिया तक पहुंचने का सपना देखने वाले रूस को करारा झटका लगा है। रूसी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक रू...


मास्‍को

आर्कटिक समुद्र के जरिए यूरोप और एशिया तक पहुंचने का सपना देखने वाले रूस को करारा झटका लगा है। रूसी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक रूस के तट के पास आर्कटिक समुद्र में अनुमान से पहले बर्फ के जम जाने के कारण कम से कम 24 जहाज समुद्री बर्फ में फंस गए हैं। बर्फ जमने के कारण यह पूरा नार्दन सी रूट बंद हो गया है। इन जहाजों को निकालने के लिए अब रूस को बर्फ को काटने वाले जहाजों को भेजना पड़ा है।

रूस ने इस नार्दन सी रूट के रास्‍ते को खोलने के लिए काफी पैसा खर्च किया है लेकिन अब उसका बर्फ जमने का अनुमान फेल हो गया है। रूसी अधिकारियों ने पहले घोषणा की थी कि यह रास्‍ता पूरे नवंबर महीने तक खुला रहेगा। इसकी वजह यह थी कि जलवायु परिवर्तन और ग्‍लोबल वार्मिंग की वजह से पिछले कुछ सालों में बर्फ बहुत देर से जमी थी। अब नार्दन सी रूट के संचालक अक्‍टूबर के अंत में ही लापटेव सागर और पूर्वी साइबेरियाई समुद्र में बर्फ जमने से आश्‍चर्य में हैं।

महीनों तक फंसे रह सकते हैं कुछ जहाज

रूस की राजधानी मास्‍को में कथित रूप से अधिकारी अब खोज और बचाव अभियान में जुट गए हैं। रूस अब अपने दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले जहाजों को भेज रहा है जो 11 इंच मोटी बर्फ को तोड़ते हुए जहाजों के निकलने के लिए रास्‍ता बनाएंगे। इसके बाद भी खतरा मंडरा रहा है कि कुछ जहाज आने वाले कई महीनों तक फंसे रह सकते हैं। रूसी अधिकारियों का कहना है कि इलाके के मौसम में बहुत तेजी से बदलाव आया। मौसम की गलत रिपोर्ट से ये जहाज अब बर्फ की मोटी चादर में फंस गए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि गत 7 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतना पहले ही समुद्र में बर्फ जम गई है। बताया जा रहा है कि फंसे हुए 24 जहाजों में से कुछ को निकाल लिया गया है और बाकी बचे जहाजों को निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जो जहाज फंसे हुए हैं, उनमें मालवाहक और दो तेल टैंकर भी शामिल हैं। नार्दन सी रूट यूरोप और रूस को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाता है। इससे समुद्र सफर काफी कम हो जाता है।

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