मुंबई- कभी मुंबई पुलिस के सबसे पॉवरफुल पुलिस ऑफिसर रहे परमबीर सिंह अब भगोड़ा घोषित हो चुके हैं। एक गृहमंत्री पर 100 करोड़ की वसूली का टारगेट क...
मुंबई-कभी मुंबई पुलिस के सबसे पॉवरफुल पुलिस ऑफिसर रहे परमबीर सिंह अब भगोड़ा घोषित हो चुके हैं। एक गृहमंत्री पर 100 करोड़ की वसूली का टारगेट का आरोप लगाकर सनसनी फैलाने वाले परमबीर अब अपने आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं पेश कर पा रहे हैं। अदालत के भगोड़ा घोषित करने के फैसले के 30 दिन बाद उनकी देशभर में मौजूद प्रॉपर्टीज को कुर्क करके का काम शुरू होगा।
इस बीच हमारे हाथ परमबीर की प्रॉपर्टी की पूरी लिस्ट लगी है। इसे देख सवाल उठता है कि महीने में 2.25 लाख कमाने वाले एक शख्स ने कैसे इतनी बड़ी प्रॉपर्टी जमा कर ली थी? वर्तमान में परमबीर सिंह के खिलाफ रंगदारी के पांच मामले दर्ज हैं, जिसके संबंध में तीन गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। पेश होते ही उन्हें तुरंत सलाखों के पीछे जाना होगा।
जो लिस्ट सामने आई है, उसमें परमबीर सिंह 5 अचल संपत्तियों के मालिक हैं। इसमें से तीन अकेले उनके नाम पर हैं। इन पांच संपत्तियों में 22 लाख रुपए की एक कृषि भूमि और 14 लाख कीमत का एक प्लाट शामिल है। यह दोनों हरियाणा जिले के फरीदाबाद में मौजूद है। मुंबई के जुहू इलाके में एक फ्लैट है, जिसे सिंह ने 45 लाख रुपए में खरीदा था, अब इसकी कीमत 4.64 करोड़ पहुंच चुकी हैं। संपत्तियों की सूची मुंबई पुलिस ने जमा कर ली है और अगर परमबीर पेश नहीं हुए तो इन्हें कुर्क करने का काम शुरू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस जल्द ही परमबीर के वांटेड का पोस्टर जारी कर सकती है।
ऐसे परमबीर के नाम से जुड़ा विवाद
अप्रैल में सोनू जालान और दो अन्य लोगों ने महाराष्ट्र के सीएम को पत्र लिखकर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा चलाए जा रहे ‘जबरन वसूली रैकेट’ का आरोप लगाया था। अपने आरोप का समर्थन करने के लिए उन्होंने सुनवाई के दौरान ऑडियो टेप, सीडीआर और अन्य डॉक्यूमेंट सहित महत्वपूर्ण सबूत ऑन-रिकॉर्ड रखे।
मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ पहला केस
मुंबई पुलिस ने 22 जुलाई को मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह, डीसीपी अकबर पठान, दो नागरिकों और 4 पुलिस निरीक्षकों और जूनियर स्तर के पुलिस कर्मियों के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया था। मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आईपीसी की कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
जुलाई में दर्ज हुआ था पहला केस
23 जुलाई को मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ एक और जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था। उन पांच अन्य लोगों में संजय पुनमिया, सुनील जैन, मनोज घोटकर, डीसीपी अपराध शाखा पराग मानेरे शामिल थे, जिनपर पुलिस ठाणे द्वारा विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। फिर 30 जुलाई को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई। कथित क्रिकेट सट्टेबाज सोनू जालान और व्यवसायी केतन तन्ना द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में रवि पुजारी और प्रदीप शर्मा सहित 27 अन्य नाम भी शामिल हैं।
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