बीजिंग धरती पर आज से करीब 25 करोड़ साल पहले 'प्रलय' आया और इसमें 90 फीसदी जीवों की मौत हो गई थी। पिछले कई साल से वैज्ञानिक यह जानने ...
बीजिंग
धरती पर आज से करीब 25 करोड़ साल पहले 'प्रलय' आया और इसमें 90 फीसदी जीवों की मौत हो गई थी। पिछले कई साल से वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि इस प्रलय की वजह क्या थी। अब चीन के वैज्ञानिकों को इसका पता चल गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 25 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था जिससे धरती पर जमा देने वाली ठंड शुरू हो गई। इसमें 90 फीसदी जीव खत्म हो गए।
चाइनीज अकादमी ऑफ साइंसेज ने दक्षिणी चीन के सिचुआन प्रांत में तांबा के भंडार का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है। इन चट्टानों में व्याप्त असंगतियों की वजह पता चलता है कि ये सल्फर से भरे उत्सर्जन की चपेट में आई थीं जो पास में स्थित ज्वालामुखी से निकला था। ये चट्टानें ज्वालामुखी से निकली राख की परतों से घिरी हुईं थी। सल्फर के ऐरोसॉल जब वायुमंडल में पहुंचे तो उन्होंने सूरज से आ रही किरणों को वापस अंतरिक्ष में भेज दिया।
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तापमान कुछ समय के लिए गिरकर 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा इससे बादलों में भी बदलाव आ गया। सूरज की किरणों के वापस जाने से धरती पर तापमान बहुत ज्यादा लुढ़क गया। बर्फीले वातावरण की वजह से करीब 90 फीसदी जीवों की मौत हो गई। शोधकर्ताओं का मानना है कि चीन में ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से धरती पर औसतन तापमान कुछ समय के लिए गिरकर 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। शोधकर्ताओं के दल ने बताया कि सल्फर से ज्वालामुखी विस्फोट 25 करोड़ साल पहले इतने लोग मरे।
शोधपत्र के लेखक माइकल रामपिनो ने कहा कि हमारी खोज में पता चला है कि इस पर्यावरणीय आपदा की वजह से हर तरह के जीव मारे गए। धरती के प्रत्येक 10 में से 9 जीवों की मौत हो गई। Permian काल के खात्मे और Triassic काल की शुरुआत के समय यह प्रलय आया था। धरती पर बच गए 10 फीसदी लोगों और पौधों से ही वर्तमान जीवों और पेड़-पौधों का जन्म हुआ। इस विस्फोट के दौरान पूरी धरती राख से ढंक गई थी।
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