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चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने फिर लांघी सीमा, गुस्साए ताइवान ने भी भेजे 'विध्वंसक'

ताइपे चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ किया है। जिसके बाद गुस्साए ताइवान ने इन घुसपैठियों को खदेड़ने...

ताइपे

चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ किया है। जिसके बाद गुस्साए ताइवान ने इन घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए अपने लड़ाकू विमानों को भेजा। रविवार को ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शीर्ष जनरलों से मुलाकात की थी। चीनी लड़ाकू विमानों हालिया घुसपैठ को ताइवान की खाड़ी में बढ़ते तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।


27 विमानों ने ताइवान में की घुसपैठ

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के 27 विमानों ने रविवार को उसके एयर डिफेंस बफर जोन में प्रवेश किया। चीन की इस हरकत का जवाब देते हुए हमने भी अपने लड़ाकू विमानों को रवाना कर चीनी विमानों को चेतावनी दी। मंत्रालय ने बताया कि हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वालों में 18 लड़ाकू विमान, पांच एच-6 बमवर्षक विमान और ईंधन भरने वाला एक वाई-20 शामिल था।

लंबी दूरी तक विमानों को उड़ाने की ट्रेनिंग कर रहा चीन

ताइवान की ओर से साझा की गयी जानकारी के मुताबिक चीनी विमानों ने ताइवान के दक्षिणी भाग के पास उसके वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया और चीन लौटने से पहले प्रशांत महासागर में उड़ान भरी। इस दौरान वे ताइवान के दक्षिण में बाशी चैनल में गए। यह चैनल ताइवान को फिलीपींस से अलग करता है। दावा यहां तक किया गया है कि लंबी दूरी तक उड़ान के दौरान चीनी लड़ाकू विमानों ने एरियल रिफ्यूलिंग भी की।

खतरनाक है चीन का H-6K स्ट्रैटजिक बॉम्बर

चीन का H-6K विमान बेहद खतरनाक है। यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। इसमें तेजी से उड़ने वाले ड्रोन से लेकर एंटी शिप मिसाइलों को ले जाने के लिए बनाया गया है। यह विमान क्रूज मिसाइलें भी दागने में सक्षम है। चीन ने इस बमवर्षक विमान का उन्‍नत संस्‍करण H-6N को भी विकसित किया है। H-6K सोवियत संघ के Tu-16 बमवर्षक विमान पर आधारित है। चीन ने अब अपने H-6N विमान के लिए हवा से दागे जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें बना रहा है।

एयरक्राफ्ट कैरियर किलर है एच-6 बमवर्षक

चीन ने एच-6एन स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स में नए एवियोनिक्स और हथियारों के अलावा कई बुनियादी बदलाव किए हैं। इसमें चालक दल की संख्या 5 से घटाकर तीन कर दी गई है। इसके अलावा इन पायलटों के लिए इजेक्शन सीट भी लगाया गया है। जिससे ये पायलट विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान सुरक्षित बाहर निकल सकते हैं। इस विशाल बॉम्बर से दुनिया की सबसे बड़ी हवा में दागी जाने वाली मिसाइल को फायर किया जा सकता है। इस मिसाइल का सबसे बड़ा शिकार एयरक्राफ्ट कैरियर्स को माना जा रहा है। चीन में इस मिसाइल को कैरियर किलर के नाम से जाना जाता है।

सबसे ज्यादा चीन के इस विमान ने की घुसपैठ

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, घुसपैठ करने वाले चीन के जहाजों में वाई-8 एंटी सबमरीन प्लेन सबसे ज्यादा बार शामिल रहा है। ये विमान समुद्र में सतह के ऊपर और पानी के नीचे की गतिविधियों को ट्रैक करने में माहिर हैं। हालांकि, अमेरिका के पास कई ऐसी पनडुब्बियां हैं जिनका पता चीन का कोई भी एंटी सबमरीन वारफेयर सिस्टम नहीं लगा सकता है। रविवार सुबह को भी चीन के एक विमान ने ताइवान में घुसपैठ की थी।

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