नई दिल्ली पीएम नरेंद्र की तरफ से कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने किसानों की एक और मांग को मान लिया है। किसानों का खेतो...
नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र की तरफ से कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने किसानों की एक और मांग को मान लिया है। किसानों का खेतों में पराली जलाना अब अपराध नहीं होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान संगठनों ने किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की थी। तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने भी इस मांग को स्वीकार कर लिया है।
पराली पर हमारे पास लिखित में कुछ नहीं आया
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पराली जलाने को लेकर हमारे पास अभी कुछ लिखित में नहीं आया है। एमएसपी को लेकर हरियाणा सीएम खट्टर के बयान पर चढ़ूनी ने कहा कि अगर मनोहर लाल खट्टर ऐसा कह रहे हैं कि MSP देना संभव नहीं है तो हो सकता है कि वह हमें यहां से जाने नहीं देना चाहते हों, हो सकता है उनको इस आंदोलन को आगे भी चले रहने देने का मन हो।
विंटर सेशन के पहले दिन पेश होगा विधेयक
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। मैं किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर जाने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में पेश किया जाएगा।
समिति के गठन से MSP पर किसानों की मांग पूरी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फसल विविधीकरण, शून्य-बजट खेती, और एमएसपी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है। इस कमेटी में किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे। इस समिति के गठन से एमएसपी पर किसानों की मांग पूरी हो गई है।
किसानों पर केस पर राज्य सरकारें करेंगी फैसला
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि जहां तक विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों का संबंध है, यह राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे में इस मामले में संबंधित राज्य सरकारें ही फैसला करेंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें अपनी राज्य नीति के अनुसार मुआवजे के मुद्दे पर भी निर्णय लेंगी।
संयुक्त किसान मोर्चा आज करेगा आंदोलन पर फैसला
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद किसान अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान जाने के बजाए अब आगे की रूप रेखा तैयार करने लगे हैं। लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा की आज दो महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। इसमें पहली बैठक में 9 सदस्यीय समिति भाग लेगी। इसमें डॉ. दर्शनपाल सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, जगजीत सिंह ढल्लेवाल, हन्नान मोला, जोगिंद्र सिंह उगराहां, शिवकुमार कक्का व युद्धवीर सिंह शामिल हो रहे हैं।
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