रायपुर- नवम्बर के महीने में बरसात का मौसम छत्तीसगढ़ के किसानों को भारी पड़ने वाला है। धान की कटाई कर रहे किसानों पर फिर बरसात की मुसीबत आई है...
मौसम विज्ञानियों ने बताया, इस समय एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण-पूर्व अरब सागर और पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा एक चक्रवाती घेरा स्तर तक फैला हुआ है। यहां से महाराष्ट्र तट तक एक द्रोणिका बनी है। दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का व्यापक असर है। इसके प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़ और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। कुछ स्थानों पर भारी बरसात की भी बात बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों, उत्तरी तटीय तमिलनाडु और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। बताया जा रहा है, अगले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इस बरसात के प्रभाव से प्रदेश के रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कांकेर जिलों में धान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। धान की फसल गिर गई है। बालियां पानी में डूब गई हैं। काटकर खेतों में सूखने के लिए रखी फसल भी डूबी है। इससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका बन रही है।
No comments