संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 बिल लाने की तैयारी में है। 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलने वाले इस संसद सत्र के दौरान सरकार ने...
संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 बिल लाने की तैयारी में है। 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलने वाले इस संसद सत्र के दौरान सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाने और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले SC/ST एमेंडमेंट बिल समेत 26 महत्वपूर्ण बिलों को लिस्ट किया है। इस लिहाज से शीतकालीन सत्र को काफी महत्वपूर्व माना जा रहा है।
समझते हैं, संसद का शीतकालीन सत्र कब से कब तक चलेगा? इसमें कौन-कौन से बिल लाए जा सकते हैं? इनका क्या महत्व है? और जरूरी बिलों के बारे में भी समझेंगे।
सबसे पहले संसद सत्र में पेश किए जाने वाले कुछ जरूरी बिलों के बारे में जानते हैं
कॉन्स्टिट्यूशन (SC एंड ST) ऑर्डर (एमेंडमेंट) बिल 2021: इस बिल को दो राज्यों (उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा) में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की लिस्ट में बदलाव के लिए लाया जा रहा है। इस बिल के जरिए सरकार उत्तर प्रदेश के साथ ही त्रिपुरा से संबंधित SC/ST की सूची में बदलाव करेगी।
फॉर्म लॉ रिपील बिल, 2021: पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। अब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का बिल पेश किया जाएगा और दोनों सदनों से पास होते ही तीनों कृषि कानून निरस्त हो जाएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल, 2021: इस बिल के जरिए सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना चाहती है। साथ ही माना जा रहा है कि इस बिल के जरिए भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग जाएगा।
बैंकिंग लॉ (एमेंडमेंट) बिल, 2021: इस बिल के जरिए बजट 2021 में घोषित किए गए दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर बिल लाया जाएगा। इन दो बैंकों का निजीकरण सरकार के वर्तमान वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश के लक्ष्य का हिस्सा है। हालांकि इस बिल में प्राइवेट किए जा रहे दोनों बैंकों के नामों का खुलासा नहीं किया जाएगा।
सरकार SC/ST लिस्ट में बदलाव क्यों कर रही है?
उत्तर प्रदेश सरकार SC/ST सूची में संशोधन को कई समुदायों की लंबे समय से की जा रही मांग से जोड़ रही है। एक तरफ जहां सोनभद्र और इससे सटे UP के जिलों में आदिवासियों की जनसंख्या अधिक है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में चुनावी रूप से प्रभावशाली मछुआरा समुदाय लंबे समय से ST सूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। अब चुनावों से ठीक पहले इन समुदायों को अगर SC/ST सूची में जगह मिलती है तो इसका फायदा BJP को मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए SC/ST की सूची में बदलाव को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संयोग से 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017 चुनावों में BJP का चुनावी मंत्र गैर-यादव और अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) के वोटों को एकजुट करना रहा है, यानी BJP की नजरें पिछड़ी जातियों के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाना रही है, जो पहले BSP का प्रमुख वोट बैंक हुआ करती थीं।
किन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा?
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास कई बड़े मुद्दे हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार को महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दाम, पेगासस, खाद की किल्लत जैसे कई मुद्दों पर घेर सकती है। साथ ही किसानों के मुद्दे पर भी सत्र में हंगामा होने की उम्मीद है। बैंकिंग और SC/ST बिल का भी विपक्ष विरोध कर सकता है।
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