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भारत ने बनाया इतिहास, 24 घंटे में दूसरी बार `प्रलय` सफल परिक्षण

भुवनेश्वर। भारत ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरा अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस...



भुवनेश्वर। भारत ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरा अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इसके साथ ही भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब 24 घंटे के भीतर दो बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ हो। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली है और  150 से 500 किलोमीटर के बीच टारगेट को तबाह कर सकती है। सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है।

अर्द्ध बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय का आज सुबह ओडिशा तट के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन द्वारा विकसित ठोस-ईंधन, युद्धक मिसाइल भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम ‘पृथ्वी रक्षा वाहन’ पर आधारित है। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है।

सूत्रों के अनुसार इस मिसाइल के बारे में डीआरडीओ द्वारा साल 2015 में चर्चा की गई थी। डीआरडीओ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि यह बैलिस्टिक मिसाइल चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे जमीन के साथ-साथ कन्सटर से भी दागा जा सकता है।

‘प्रलय’ ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है। मिसाइल निर्देशक प्रणााली में अत्याधुनिक नौवहन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं। इस सफलतापूर्वक परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिं ने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा था कि पहले परीक्षण के लिए डीआरडीओ और इससे जुड़ी टीम को बधाई। उन्होंने कहा, ‘सतह से सतह पर मार करने वाले आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए मैं बधाई देता हूं,आज महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई।’ वहीं डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि नई पीढ़ी की मिसाइल से सशस्त्र बलों को और ताकत मिलेगी। 

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