तेलंगाना। बुनकर ने एक ऐसी सिल्क साड़ी बनाई है जो माचिस के डिब्बे में भी फिट हो जाती है। ये साड़ी बेहद ही यूनिक है। ये दुर्लभ सिल्क साड़ी...
तेलंगाना। बुनकर ने एक ऐसी सिल्क साड़ी बनाई है जो माचिस के डिब्बे में भी फिट हो जाती है। ये साड़ी बेहद ही यूनिक है। ये दुर्लभ सिल्क साड़ी हाथ से बनाई गई है। तेलंगाना के सिरसिला के रहने वाले नल्ला विजय ने इस सिल्क की साड़ी को बुना है। हाथों से साड़ी बुनने में उसे करीब दो हफ्ते का समय लगा। इस साड़ी का वजन करीब 100 ग्राम है. ये दुर्लभ और बेहद ही आकर्षक सिल्क साड़ी करीब साढ़े पांच मीटर लंबाई और 46 इंच की चौड़ाई के साथ बेहद ही सुंदर दिखती है।
बताया जा रहा है कि बुनकर विजय को हाथों से साड़ी बुनने में करीब दो हफ्ते लगते हैं और इसकी कीमत 12,000 रुपये है. वही अगर इस साड़ी को मशीन पर बुना जाता है, तो इसमें तीन दिन का वक्त लगता है और इसकी कीमत 8,000 रुपये होती है। प्रतिभाशाली बुनकर नल्ला विजय को अपने पिता नल्ला परांधमुलु से प्रेरणा मिली है। वो अपने पारिवारिक परंपरा को जारी रखते हुए हथकरघा पर साड़ी बुनने के काम में जुटे हुए हैं। बुनकर विजय ने मंत्रियों को बताते हुए खुशी जाहिर की कि सिरसिला में हथकरघा क्षेत्र में हाल के दिनों में राज्य सरकार की ओर से दी गई सहायता की वजह से कई बदलाव आए हैं।
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