देश में अब इस बात पर चर्चा होने लगी है कि क्या कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की रफ्तार धीमी पड़ गई है? और सवाल ये भी है कि जो एक्सपर्ट कोरोना...
देश में अब इस बात पर चर्चा होने लगी है कि क्या कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की रफ्तार धीमी पड़ गई है? और सवाल ये भी है कि जो एक्सपर्ट कोरोना का पीक जनवरी के अंत में बता रहे थे, क्या उनका आंकलन गलत साबित हो गया है. अब माना जा रहा है कि भारत में कोरोना का पीक 23 जनवरी को आ सकता है. इस दौरान 7 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जाएंगे.
पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 2 लाख 58 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. इस दौरान 385 लोगों की मौत भी हुई है. कुछ राज्यों को छोड़कर बाकी जगहों पर कोरोना का ग्राफ ऊपर जा रहा है.
हर दिन बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
वहीं, दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में संक्रमण की रफ्तार कम हुई है. पिछले करीब 3 हफ्तों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी थी. लेकिन ताजा आंकड़ों ने एक्सपर्ट्स को हैरान किया है. कोरोना के नए मामलों का जो पैटर्न अभी तक आ रहा था. उसमें हर दिन केस बढ़ रहे थे. पिछले 4 दिनों से नए संक्रमितों की संख्या ढाई लाख के पार है. लेकिन पिछले तीन दिनों के मुकाबले आज कोरोना के नए केस 5 प्रतिशत कम आए हैं. हालांकि देश में पॉजिटिविटी रेट पहले से बढ़कर 19.65 प्रतिशत हो गया है.
24 घंटे में 13 लाख से ज्यादा टेस्टिंग
देश में पिछले 24 घंटों में केवल 13 लाख 13 हजार लोगों का कोविड टेस्ट किया गया था, जिसमें से 2 लाख 58 लोग संक्रमित मिले हैं. जबकि 15 जनवरी को 2 लाख 68 से ज्यादा केस मिले थे और टेस्ट की संख्या 16 लाख 13 हजार थी. यानि साफ है कि ICMR की नई गाइडलाइंस के बाद कोविड टेस्ट में कमी आई है.
सिर्फ लक्षण दिखने पर हो रही है टेस्टिंग
टेस्टिंग लक्षण उभरने पर हो रही है. किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर नहीं. इस कमी की वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या पर असर पड़ा है. लेकिन पॉजिविटी रेट बढ़ा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 1 हफ्ते के अंदर भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 16 लाख से ऊपर हो गई है.
आईआईटी कानपुर ने पीक को लेकर किया ये दावा
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि भारत में कोविड-19 लगभग फरवरी के अंत तक समाप्त हो जाएगा. अभी तक किसी भी राज्य पीक जैसे आंकड़े देखने को नहीं मिले हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य आने वाले 1 सप्ताह में अपनी पीक को पार करेंगे. आईआईटी कानपुर के ‘सूत्र’ मॉडल की मानें तो जनवरी के आखिरी हफ्ते में देश में कोरोना संक्रमण का पीक होगा.
वहीं, इस पर एक्सपर्ट मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि देश के महानगरों के बारे में सूत्र मॉडल का आंकलन अभी तक सटीक नहीं रहा है. इसके पीछे तर्क ये दिया गया है कि कोविड टेस्ट को लेकर जो नई गाइडलाइंस बनाई गई हैं. उसकी वजह से टेस्ट कम हो रहे हैं. उदाहरण के तौर पर दिल्ली में कोरोना संक्रमण का पीक 15-16 जनवरी को बताया गया था. सूत्र मॉडल के आंकलन के हिसाब से 45 हजार मरीज पीक के समय आने थे. लेकिन पीक के समय संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 28 हजार के आसपास ही रही.
मुंबई में कोरोना का पीक 12 जनवरी आंका गया था. कोरोना के केस को लेकर ये आंकलन करीब 72 प्रतिशत तक सही पाया गया. इसी तरह कोलकाता में संक्रमण का पीक 13 जनवरी बताई गई थी और ये आंकलन करीब 70 प्रतिशत तक सही साबित हुआ था. बेंगलुरू में कोरोना संक्रमण का पीक 22 जनवरी को आएगा आंकलन है उस दौरान 30 हजार केस प्रतिदिन आएंगे.
स्थिति में दिख रहा है बदलाव
वहीं, बिहार में संक्रमण का पीक 17 जनवरी यानी आज है और करीब 18 हजार केस आने चाहिए थे. लेकिन स्थिति में बदलाव दिखा है और केस कम हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में संक्रमण का पीक 19 जनवरी को आना है. करीब 45 हजार केस प्रतिदिन आने का आंकलन है. फिलहाल ये स्थिति नहीं बनती दिख रही है. महाराष्ट्र में भी संक्रमण का पीक 19 जनवरी है. करीब डेढ़ लाख केस आने का आंकलन था, लेकिन अभी फिलहाल 40 हजार के आसपास ही केस आ रहे हैं.
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