बिलासपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की तबीयत अब बिगड़ने भी लगी है। जिले के कोविड अस्पतालों में 96 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इनमें...
बिलासपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की तबीयत अब बिगड़ने भी लगी है। जिले के कोविड अस्पतालों में 96 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इनमें ज्यादातर वही मरीज हैं, जो पिछले सप्ताह तक होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे थे। अस्पताल पहुंचने वाले शहर के मरीज ज्यादा हैं। हालांकि, पिछले दो दिन से कोरोना संक्रमण से राहत है और पॉजिटिव आने वाले मरीजों का आंकड़ा कम हो गया है।
दिसंबर के आखिरी और जनवरी के शुरूआती दिनों से ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी थी। जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे। वैसे ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्थिति यह है कि रोज औसतन 10 से 12 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। नवंबर-दिसंबर में अस्पताल में महज 8-10 मरीज ही भर्ती थे। जो, अब बढ़कर 96 पहुंच गई है।
कोरोना का संक्रमण पहले से कम हो गया है और संक्रमितों की संख्या पिछले तीन दिन से 300 से नीचे आ गई है। लेकिन, होम आइसोलेशन वाले मरीजों की तबीयत बिगड़ रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिनकी तबीयत बिगड़ रही है, वो ऐसे मरीज हैं जिन्हें कोरोना के साथ दूसरी बीमारी भी है जैसे शुगर, हार्ट पेशेंट और सांस की बीमारी वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है।
मरीजों से संपर्क करने CMHO ने दिया निर्देश
मंगलवार को 12 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं और 422 मरीज स्वस्थ्य होकर होम आइसोलेशन से बाहर आ गए हैं। इसके साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या 2268 हो गई है। जाहिर है कि इस बार का संक्रमण ज्यादा खतरनाक नहीं है। लेकिन, इसके बाद भी बुजुर्ग व दूसरी बीमारी से ग्रसित मरीजों के कोरोना पॉजिटिव आने पर खतरा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने मॉनिटरिंग टीम को स्पष्ट निर्देश दिया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों से लगातार संपर्क करें और उनकी तबीयत की जानकारी लेते रहें।
52 मरीज हैं शहर 44 दूसरे जिलों से हैं भर्ती
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि शहर के 52 मरीज शहर के निजी व शासकीय कोविड अस्पताल में भर्ती है और उनका इलाज चल रहा है। इन्हें महज सप्ताह भर पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही होमआइसोलेशन में उपचार कराने वाले जांजगीर-चांपा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर के 44 मरीजों को शहर के कोविड हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
चित्रकूट आइसोलेशन सेंटर शुरू
मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय स्थित चित्रकूट भवन को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दिया है। वहां पर आवश्यकता पड़ने पर मरीज आइसोलेशन में रहकर अपना उपचार करा सकते हैं। जहां पर चिकित्सकीय स्टाफ की ड्यूटी भी लगाई गई है।
तबीयत बिगड़ने पर टीम कराएगी भर्ती
CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि शहर के साथ ही पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि होमआइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जानकारी लेनी है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी लहर ज्यादा नहीं है खतरनाक
होमआइसोलेशन के सहायक नोडल अधिकारी डॉ. समीर तिवारी का कहना है कि तीसरी लहर में होम आइसोलेशन में ज्यादातर मरीज स्वस्थ्य हो रहे हैं। दूसरी लहर में कंट्रोल रूम में लगातार फोन आते थे। लेकिन, इस बार वैसी स्थिति नहीं है। अब औसतन रोज 350 से 400 मरीज होम आइसोलेशन से बाहर आ रहे हैं।
जनवरी के पहले सप्ताह में होम आइसोलेशन के मरीज 3000 तक पहुंच गई थी। लेकिन, महज एक सप्ताह में ही यह आंकड़ा 2150 के आसपास पहुंच गया है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है, उन्हें कोरोना के साथ दूसरी बीमारी होने की भी शिकायत है।
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