नई दिल्ली . पंजाब में आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान अपने होमग्राउंड संगरूर की धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते ...
नई दिल्ली. पंजाब में आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान अपने होमग्राउंड संगरूर की धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी जल्द ही इस बारे में ऐलान करेगी. बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को घोषणा की थी कि पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. मान ने लोगों को आश्वासन दिया कि आप के सत्ता में आने पर वह जनता के कल्याण के लिए काम करेंगे और राज्य को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करेंगे. पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना 10 मार्च को की जाएगी.
पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘मिस्ड कॉल’ के जरिये चलाए गए ‘जनता चुनेगी अपना सीएम’ अभियान के परिणाम की घोषणा की. पार्टी नेताओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुनने के वास्ते चलाए गए इस अभियान के तहत पार्टी को 21.59 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं.
केजरीवाल ने मोहाली में पत्रकारों से कहा कि पार्टी को ‘जनता चुनेगी अपना सीएम’ अभियान के जवाब में 21,59,437 मत मिले. उन्होंने कहा, ‘ इन प्रतिक्रियाओं में मेरे नाम सहित कई लोगों के नाम आए. मैंने पहले ही कहा था कि मैं दौड़ में नहीं हूं. हम उन वोट (जिनमें केजरीवाल का नाम है) को अमान्य घोषित कर रहे हैं. शेष बचे अन्य मतों में से 93.3 प्रतिशत लोगों ने सरदार भगवंत मान का नाम दिया था. वहीं, दूसरे नंबर पर (कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख) नवजोत सिंह सिद्धू का नाम 3.6 प्रतिशत लोगों ने दिया.’ केजरीवाल ने कहा, ‘ भगवंत मान को औपचारिक रूप से ‘आप’ का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाता है.’’
संगरूर से दो बार के लोकसभा सांसद हैं भगवंत मान
मान इस घोषणा के बाद भावुक हो गए. उनकी मां और बहन भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं. इस मौके पर आप नेता राघव चड्ढा और हरपाल सिंह चीमा भी मौजूद थे. मान (48), संगरूर से दो बार के लोकसभा सांसद और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख हैं. अक्टूबर 1973 में सतोज में जन्मे, व्यंग्यकार और हास्य कलाकार मान की राजनीतिक यात्रा तब शुरू हुई जब वह 2011 में मनप्रीत सिंह बादल के नेतृत्व वाली पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल हुए. बादल ने शिरोमणि अकाली दल से अलग होने के बाद पार्टी बनाई थी. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया.
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