नई दिल्ली: भारत में एक नई टेस्ट किट को अनुमति दी गई है जो ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में पता लगा सकती है. भारत में तीसरी लहर के बढ़ने के ब...
नई दिल्ली: भारत में एक नई टेस्ट किट को अनुमति दी गई है जो ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में पता लगा सकती है. भारत में तीसरी लहर के बढ़ने के बीच जांच सुविधा पर भी दबाव बढ़ रहा था. ऐसे में टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने ओमिश्योर नाम की एक टेस्ट किट तैयार की है. जिसे ओमिक्रॉन का पता लगाने वाली दुनिया की पहली किट बताया जा रहा है.
क्या है ओमिश्योर टेस्ट किट
टीएमडी के शोध एवं विकास विभाग के प्रमुख रवि वसंथपुरम का कहना है कि इस टेस्ट के जरिए ओमिक्रॉन को अलग करने में मदद मिल सकती है. आरटी-पीसीआर टेस्ट किट की ही तरह ओमिश्योर के लिए भी नाक और मुंह से सैंपल लिया जाता है. और यह किट भारत की किसी भी पीसीआर मशीन में काम कर सकती है. वसंथपुरम ने बताया कि ओमिश्योर टेस्ट का वक्त दो घंटे से थोड़ा ज्यादा है, इसके बाद यह एस जीन टारगेल फेलियर और एस-जीन म्यूटेशन को मिलाकर ओमिक्रॉन का पता लगाने में सक्षम हो जाता है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आकलन के मुताबिक यह किट 100 फीसद सटीकता दिखा रही है. टीएमडी ने प्रयोगशालाओं के लिए ओमिश्योर की एक टेस्ट किट का दाम 250 रुपये रखा है. कंपनी का रोजाना 2 लाख किट उत्पादन का लक्ष्य है जिसे जल्दी ही 5 लाख रोजाना पर लाया जाएगा.
आर टी-पीसीआर टेस्ट कैसे पता करता है ..सार्स कोवि 2 वेरिएंट
आरटी-पीसीआर टेस्ट को कोविड-19 के लिए सबसे बेहतर माना गया है. ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के दौरान भी कुछ मामलों में पाया गया कि आरटी-पीसीआर जांच काम कर सकती है.अगर यह पॉजिटिव बताती है तो इससे कम से कम यह तो पता लग ही सकता है कि मरीज को कोविड हुआ है.
आरटी-पीसीआर टेस्ट में स्पाइक प्रोटीन के उस जीन का पता लगाया जाता है जो मानव कोशिका पर हमला करता है. अब जब यह तय हो चुका है कि यह जांच सही है तो ऐसे में एक स्पाइक जीन को लक्षित किया जाता है, ऐसे में भले ही म्यूटेशन की वजह से कोई एक जीन बदल गया हो, लेकिन जांच में दूसरा पकड़ में आ जाता है.
क्या ओमिक्रॉन आरटी-पीसीआर टेस्ट की पकड़ से बच सकता है
नहीं, जैसा कि पहले ही बताया गया है कि केवल एक म्यूटेशन आरटी-पीसीआर से बच सकता है और इसमें संक्रमण को पकड़ने के लिए दो या तीन जीन को लक्षित किया जाता है.
क्या अन्य आरटी-पीसीआर टेस्ट ओमिक्रॉन का पता लगा सकते हैं
यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा टेस्ट किया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ओमिक्रॉन को पता करने के लिए सीक्वेंसिंग जरूरी है. दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट जीनोम में दो या अधिक जीन पर वायरस न्यूक्लिक एसिड को लक्षित करते हैं.
विनोद स्कारिया ने कहा, ‘दुर्भाग्य से, भारत में उपयोग की जाने वाली अधिकांश किटों के लिए प्राइमरी विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, इससे यह पता लगाने की संभावना सीमित हो जाती है कि कौन से विशिष्ट वेरिएंट का पता लगा सकते हैं या किसी दिए गए संस्करण या उत्परिवर्तन के लिए कौन से विफल होने की संभावना है.’
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