जगदलपुर: बस्तर के बहुचर्चित तिमापुरम आगजनी कांड की ताड़मेटला, मोरपल्ली जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश के मुख्य सचिव को सौंप दी है। 11 वर...
जगदलपुर: बस्तर के बहुचर्चित तिमापुरम आगजनी कांड की ताड़मेटला, मोरपल्ली जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश के मुख्य सचिव को सौंप दी है। 11 वर्षों तक चली जांच के दौरान आयोग का कार्यकाल कई बार बढ़ाया गया। अंतिम बार 31 जनवरी 2022 तक के लिए आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया था।
इस बीच आयोग के सचिव अशोक कुमार पंडा व कार्यकारी सचिव व बस्तर के अपर कलेक्टर अरविंद एक्का ने आयोग की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में राज्य के मुख्य सचिव को सौंप दी है। एक्का ने बताया कि दो सील बंद लिफाफों में जांच की रिपोर्ट सीएस को सौंपी गई है। रिपोर्ट में क्या लिखा है इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है।
आयोग ने इस दौरान कुल 277 लोगों के बयान दर्ज किए थे। इनमें से 109 ग्रामीण बयान के लिए नहीं पहुंच पाए थे। आयोग ने सुकमा जिला प्रशासन को इन सभी 109 गवाहों की नोटिस को तामिल कर उन्हें सुरक्षा के बीच बयान के लिए लाने कहा था। बताया जाता है कि इनमें से कुछ की मृत्यु हो चुकी है व कुछ पीडि़त पलायन कर आंध्र व तेलंगाना में शरण लिए हुए हैं।
गौरतलब है कि तत्कालीन दंतेवाड़ा जिला व वर्तमान में सुकमा जिले के इन गांवों के लगभग ढाई सौ घरों में आगजनी हुई थी। घटना के पीछे सलवा जुडूम कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों का हाथ बताया गया था। बाद में इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जिसमें सीबीआई जांच के आदेश हुए थे। राज्य सरकार ने इसकी न्यायिक जांच के निर्देश दिए थे। इसके तहत उच्च न्यायलय के तत्कालीन न्यायाधीश टीपी शर्मा को जांच का जिम्मा दिया गया था।
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