दिल्ली। महामारी के कारण हर कोई अब डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहा है। अगर आप भी धड़ल्ले से क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान कर रहे हैं, तो आपक...
दिल्ली। महामारी के कारण हर कोई अब डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहा है। अगर आप भी धड़ल्ले से क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि आप कभी भी हैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं। दरअसल, एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि धोखोबज अब लोगों को ठगने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग अपनी नई चाल के रूप में कर रहे हैं।
महामारी के बाद से कोड अधिक सामान्य हो गए हैं, पब-गोअर द्वारा अपनी मेज पर एक पिंट ऑर्डर करने और संपर्क ट्रेसिंग के लिए रेस्तरां में चेक-इन करने के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
लोगों के पास आ रहे क्यूआर कोड वाले फिशिंग ईमेल
लेकिन ठगों ने इसे लोगों की गाढ़ी कमाई से ठगी करने के मौके के तौर पर देखा है। उनकी नई चाल एक क्यूआर कोड वाले फिशिंग ईमेल के रूप में सामने आ रही है। इसे स्कैन करने से आपका फोन मैलवेयर से संक्रमित नहीं हो जाएगा।
इसके जरिए यह आपसे आपकी बैंक अकाउंट की डिटेल और पर्सनल डिटेल प्राप्त करने के लिए डिजाइन की गई फर्जी वेबसाइटों पर भेज देगा।
लोगों जाल में इसलिए फंस जाते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसे धोखेबाज लिंक दिखाई नहीं देते हैं जिनकी ओर एक क्यूआर कोड उन्हें भेज सकता है। इससे सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए उन पर नज़र रखना भी मुश्किल हो जाता है।
एफ-5 के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एंजेल ग्रांट ने कहा, "जब भी नई तकनीक सामने आती है, साइबर अपराधी इसका फायदा उठाने का तरीका खोजने की कोशिश करते हैं। क्योंकि, इससे लोगों के साथ हेरफेर करना आसान हो जाता है, अगर वे इसे नहीं समझते हैं।"
एक्सपर्ट्स की चेतावनी- मत करना ये गलती
खतरे के कारण जनता को क्यूआर कोड स्कैन करने से सावधान रहने की चेतावनी दी गई है।
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