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कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने देश की वर्तमान हालात को देखते हुए राहुल और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में एसपीजी बहाल करने की मांग उठाई...

रायपुर।   विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा देश में निर्मित हालात को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी फिर से एस...




रायपुर।  विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा देश में निर्मित हालात को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी फिर से एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, देश में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ही हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समानांतर नेतृत्व की भूमिका में हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि देश के प्रधानमंत्री का। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बदले की भावना से प्रेरित होकर गांधी परिवार के सदस्यों से एसपीजी सुरक्षा हटा दी थी, परन्तु प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह की सुरक्षा में चूक की बात कर रहे हैं ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस पार्टी चिंतित है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने गांधी परिवार के सदस्यों का एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मुद्दा उठाते हुए मांग की है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को तत्काल यह सुरक्षा केन्द्र सरकार उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरे देश में जिस तरह के हालात निर्मित हो रहे हैं और सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है, ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और मोदी के समानांतर राजनैतिक कद रखने वाले राहुल गांधी को एसपीजी सुरक्षा से पृथक् रखना घातक हो सकता है। विकास उपाध्याय ने कहा, पूरी कांग्रेस पार्टी वर्तमान हालात को देखते हुए गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी जिस तरह से उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार को लेकर सक्रिय हैं और विपरित हालात में लोगों से बगैर सुरक्षा के मेल-मुलाकात कर रही हैं, यह मोदी सरकार के लिए भी सोचनीय विषय होनी चाहिए।


विकास उपाध्याय ने तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 1967 में उड़िसा में अपना चुनाव अभियान के दौरान उस रैली का जिक्र करते हुए कहा, जब भीड़ ने अचानक मंच की तरफ पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था जिससे इंदिरा गांधी की नाक में खून बहना शुरू हो गया था। बावजूद उन्होंने खून पोंछकर भाषण जारी रखा, तब प्रधानमंत्री की सुरक्षा जरूर बढ़ा दी गई थी। लेकिन निर्णायक मोड़ तब आया जब 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या उन्हीं के अंगरक्षकों ने कर दी और 1985 में प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने के लिए एसपीजी की स्थापना कर दी गई। तब से गांधी परिवार को यह सुरक्षा लगातार मिलते रहा है। इस सुरक्षा के बावजूद तात्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी हत्या कर दी गई थी। ऐसे में मोदी सरकार ने अचानक से बदले की भावना और गांधी परिवार को कम महत्व आंकते हुए उनकी एसपीजी सुरक्षा हटा दी थी। आज जब सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी खुद चिंतित हैं और पूरे देश में हालात ठीक नहीं हैं कि स्थिति का प्रचार कर रहे हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भी सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाएं।


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