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शासन की योजनाओं का लक्ष्य वंचितों का उत्थान : राज्यपाल श्री पटेल

   राज्यपाल द्वारा वन और पशुपालन विभाग की समीक्षा भोपाल :  राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने वन और पशुपालन विभाग की विभागीय गतिविधियों की समीक्ष...

  


राज्यपाल द्वारा वन और पशुपालन विभाग की समीक्षा

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने वन और पशुपालन विभाग की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। राजभवन के सांदीपनि सभागार के सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में वनमंत्री श्री कुवंर विजय शाह, जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव श्री बी.एस. जामोद एवं सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि शासन की योजनाएं वंचितों के उत्थान के लक्ष्य से बनाई जाती हैं। उनका क्रियान्वयन इसी मंशा के साथ किया जाना चाहिए। लक्षित समुदाय और क्षेत्र के सबसे वंचित और गरीब परिवार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अधिकारियों को योजना के लक्ष्यों की पूर्ति के कार्य इसी भाव और भावना के साथ करने चाहिए। कार्य की मानीटरिंग का भी यही आधार होना चाहिए। वंचित की मदद से प्राप्त होने वाला आनंद और आत्मसंतुष्टि का अनुभव आलौकिक अनुभूति देता है।

मुख्यमंत्री दुधारू पशुयोजना में 742 परिवार लाभान्वित           

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना में वितरित दुधारू पशुओं की उत्पादकता की जानकारी प्राप्त की। उनको बताया गया कि प्रतिदिन 10 से 12 लीटर दूध देने वाले मवेशी पशुपालकों को उपलब्ध कराए गये हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया एवं भारिया की सतत् अजीविका के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना का प्रदेश के 14 जिलों में क्रियान्वयन किया जा रहा है। मण्डला जिले में 116, डिण्डोरी में 90, बालाघाट में 18, छिंदवाड़ा में 26, शहडोल में 26, अनूपपुर में 25, उमरिया में 39, ग्वालियर में 60, दतिया में 26, मुरैना में 30, श्योपुरकलां में 66, गुना में 45, अशोकनगर में 25 और शिवपुरी में 150 हितग्राहियों सहित कुल 742 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। मध्यप्रदेश गौसंवर्द्धन बोर्ड में प्रदेश के 14 जनजातीय जिलों में 86 अशासकीय स्वयंसेवी गौशालाएँ है, जिनमें 28,555 गौवंश और 198 शासकीय गौशालाएँ हैं, जिनमें 14495 गौवंश है।

 268 ग्राम सभाओं ने 7 करोड़ से अधिक तेंदूपत्ते का विक्रय किया 

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि पेसा नियम के तहत ग्राम सभाओं को मिले अधिकारों का सफल उपयोग करने की जानकारियों का व्यापक स्तर पर अन्य ग्राम सभाओं में प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। अधिकारों के उपयोग से होने वाले लाभों के बारे में बताया जाना चाहिए, ताकि अन्य ग्राम सभाएं भी पेसा कानून के तहत प्राप्त अधिकारों के उपयोग के लिए प्रेरित हों। वन मंत्री श्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा निकाली जाने वाली इमारती लकड़ी के विक्रय मूल्य का 20 प्रतिशत लाभांश वन समिति को देने वाला देश का प्रथम राज्य है। इसी तरह जैव विविधता संरक्षण के लिए पौधरोपण में 50 प्रतिशत वनोपज प्रजातियों के पौधों का रोपण करने वाला भी देश का पहला राज्य है। पेसा नियमों के तहत प्रदेश में 20 जिलों से कुल 268 ग्राम सभाओं से तेन्दूपत्ता संग्रहण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। ग्राम सभा द्वारा 7.31 करोड़ रुपए राशि के कुल 13363 मानक बोरा संग्रहित कर 4 करोड़ रुपए राशि का पारिश्रमिक वितरण किया गया है। प्रोत्साहन राशि के रूप में 3.19 करोड़ रुपए राशि वितरित की जाएगी। ग्राम सभा को 3 हज़ार रुपए प्रति मानक बोरा संग्रहण पारिश्रमिक एवं औसतन 1900 रुपए प्रति मानक बोरा प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) मिला है। जिला डिंडौरी के बैगाचाक के 07 बैगा बाहुल्य ग्रामों में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (PVTGs) को हैबीटेट् राइट्स प्रदान किये गए हैं। जिला मंडला में बैगा जनजाति बाहुल्य 16 ग्रामों को हैबीटेट् राइट्स प्रदान किए गए है। जिला छिंदवाडा के विकासखंड तामिया में पातालकोट में स्थित 12 भारिया जनजाति के ग्रामों में हैबीटेट् राइट्स को मान्यता प्रदान की गयी है।

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