बिलासपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का जिले में लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दिशा निर्देश के साथी मापदंडों का पालन नहीं हो र...
बिलासपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का जिले में लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दिशा निर्देश के साथी मापदंडों का पालन नहीं हो रहा है। अरपा नदी में प्रतिबंध के बाद भी रेत की अवैध खुदाई और परिवहन का काम लगातार जारी है। नाले व नालियों का गंदा पानी को शोधन के बिना ही नदी में छोड़ा जा रहा है। वर्षा ऋतु के इस मौसम में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगातर समझाइश दी जा रही है। इसके बाद भी जल संरक्षण की दिशा में काम नही हो रहा है। नाले व नाली का गंदा पानी निगम द्वारा अब भी बिना ट्रीटमेंट के अरपा नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। निगम को इसके लिए ट्रिब्यूनल ने पांच करोड़ का जुर्माना भी ठोंका है। बिलासपुर के अलावा मुंगेली, कोरबा, जांजगीर और रायगढ़ नगर निगमनको 57 करोड़ का जुर्माना ट्रिब्यूनल ने किया है। भारी भरकम जुर्माने के बाद भी नाले का गंदा पानी अब भी अरपा नदी में प्रवाहित कीट जा रहा है। वर्षाऋतु का मौसम है। इस मीसम में संक्रमण का खतरा बना रहता है। बिना शोधन के जल के उपयोग से जल जनित बीमारियों के अलावा अन्य बीमारियों की भी आशंका बनी रहती है। स्थानीय प्रशासन को इस बात की चिंता ही नही है। अरपा नदी का चौतरफा दोहन हो रहा है। एनजीटी के गाइड लाइन का यहाँ पालन भी नही हो रहा है। वर्षाऋतु में रेत घाटों से रेत का उत्खनन और परिवहन चार महीने के लाइट प्रतिबंधित रहता है। पर यहां इन नियमो व निर्देशों का पालन नही हो रहा है। घुटकू रेत घाट में अब भी रेत की खोदाई और परिवहन का काम चल रहा है। ट्रेक्टर सहित वाहनों की लंबी कतारें लगी देखी जा सकती है। फाइलों में अरपा सहित जिले की नदियों में रेत की खोदाई बंद है। मौके पर मामला अलग ही है। रेत की अवैध खोदाई और परिवहन के बाद माफिया जहां जगह पवरहे हैं वहीं रेत डंप कर दे रहे हैं। इनकी नजर विवादित के अलावा सरकारी जमीन पर ज्यादा है। डंपिंग के बहाने कब्जे का भी खेल चल रहा है।
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