बिलासपुर। रुद्राक्ष को भगवान रुद्र यानी कि शिवजी का रूप माना जाता है। रुद्राक्ष का धार्मिक दृष्टीकोण से भी खास महत्व है। इस बार गणेश पू...
बिलासपुर।
रुद्राक्ष को भगवान रुद्र यानी कि शिवजी का रूप माना जाता है। रुद्राक्ष
का धार्मिक दृष्टीकोण से भी खास महत्व है। इस बार गणेश पूजा में बिलासपुर
के एक मूर्तिकार अशोक ने रुद्राक्ष से गणपति की प्रतिमा तैयार की है। इस
प्रतिमा को बनाने में मूर्तिकार ने तकरीबन पांच हजार रुद्राक्ष का इस्तेमाल
किया है। मूर्तिकार मूर्ति को अब अंतिम रुप दे रहे हैं। इस बीच पूरे
क्षेत्र में रुद्राक्ष के गणपति की चर्चा है। मूर्तिकार ने 20 हजार रुपए
खर्च किए है कुल 5001 रुद्राक्ष से गणपति की प्रतिमा तैयार कर रहे। दरअसल,
बिलासपुर में तालापारा कुम्हारपारा में मूर्तिकार अशोक प्रजापति ने
रुद्राक्ष के दानों से गणपति की प्रतिमा तैयार की है। हर कोई इस प्रतिमा को
देखने पहुंच रहा है अब मूर्तिकार गणेश प्रतिमा में कलर और श्रृंगार करना
शुरू कर चुके हैं। यह मूर्ति लोगों को काफी पसंद आ रही है.बीस हजार रुपए की
लागत से तैयार हुई प्रतिमा: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रुद्राक्ष से
गणपति प्रतिमा तैयार करने वाले मूर्तिकार अशोक प्रजापति ने बताया कि,"वे
रुद्राक्ष की प्रतिमा तैयार करने की सोच रहे थे। उन्होंने एक मुखी, दो
मुखी, तीन मुखी और चार मुखी की रुद्राक्ष से इस प्रतिमा को तैयार करने का
मन बनाया था। बाद में उन्होंने सोचा की एक जैसा ही रुद्राक्ष होना चाहिए
इसलिए उन्होंने पांच मुखी रुद्राक्ष से प्रतिमा तैयार की उन्होंने लोकल
मार्केट से पांच मुखी रुद्राक्ष की माला खरीदी और लगभग 20 हजार रुपए खर्च
कर प्रतिमा को तैयार किया। कुल 5001 रुद्राक्ष के दानों से प्रतिमा तैयार
की जा रही है। हालांकि प्रतिमा भी पूरी तरह से तैयार नहीं है, जिसे
श्रृंगार कर अंतिम रूप दिया जा रहा है। मूर्तिकार अशोक प्रजापति ने बताया
कि, "गणेश उत्सव समितियां प्रतिमाएं ऑर्डर देकर तैयार करवाती है। ज्यादातर
समितियां यूनिक प्रतिमा की मांग करती है।" बता दें कि इससे पहले अशोक
प्रजापति ने रुई से और नारियल से गणपति की प्रतिमा तैयार की थी। इस बार
उन्होंने रुद्राक्ष से गणेशजी की प्रतिमा तैयार की है। मूर्तिकार अशोक
प्रजापति की मानें तो उन्होंने पहले इस काम को छोड़ दिया था। हालांकि
उन्होंने कुछ यूनिक करने की सोच कर फिर से प्रतिमा तैयार करना शुरू कर दिया
है। हालांकि मूर्तिकार अशोक दूसरा काम करते हैं। फिलहाल वो मूर्तियां
तैयार कर रहे है।
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