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रायपुर के डेंटल कालेज में CBCT मशीन से जबड़ों की होगी 3D स्कैनिंग, इलाज होगा आसान

 रायपुर। छत्तीसगढ़ के एकमात्र शासकीय डेंटल कालेज में जल्द ही जबड़ों की थ्रीडी स्कैनिंग होगी। इससे दांतों और मसूड़ों से जुड़ी छोटी से बड़ी सम...

 रायपुर। छत्तीसगढ़ के एकमात्र शासकीय डेंटल कालेज में जल्द ही जबड़ों की थ्रीडी स्कैनिंग होगी। इससे दांतों और मसूड़ों से जुड़ी छोटी से बड़ी समस्याओं के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी। दांतों का प्रत्यारोपण भी आसान हो जाएगा। इसके लिए डेंटल कालेज में कोन बीम कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीबीसीटी) मशीन के लिए खरीदी की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसके टेंडर भी जारी हो गया है। सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड) मशीन की खरीदी करेगा। मशीन को स्थापित करने के लिए डेंटल कालेज में जगह चिन्हित कर लिया गया है। कालेज के भू-तल में डार्क रूम बनाया जाएगा, जहां पर करीब एक करोड़ रूपये की लागत से आने वाली सीबीसीटी मशीन को स्थापित किया जाएगा। डाक्टरों का कहना है कि कोन बीम कम्प्यूटेड टोमोग्राफी मशीन एक तरह की एक्सरे इमेजिन तकनीकी है, जोकि दांतों, हड्डियों और चेहरे की नसों और जबड़े की थ्री डी तस्वीरें निकालता है। डेंटल कालेज में चलने वाली ओपीडी में रोजाना करीब 300 लोग अलग-अलग समस्या के साथ आते हैं। किसी को दांतों में दर्द तो किसी में सड़न की समस्या रहती है। टेढ़े-मेढ़े दांत, मसूड़ों में सूजन और जबड़ों में दर्द के पीड़ित भी आते हैं। हर दिन औसतन 100 मरीजों को मशीन से जांच की जरूरत पड़ती है, इसीलिए आधुनिक सीबीसीटी मशीन मंगाई गई है। विद्यार्थी इस मशीन के जरिए रिसर्च भी कर सकेंगे। सीबीसीटी मशीन से दांतों, हड्डियों और जबड़े की थ्रीडी स्कैनिंग होती है। इससे जबड़ा, दांत के साथ ही नाक और कान के पास का पूरा हिस्सा और चेहरों की अन्य नसों की सही जानकारी मिल जाती है। मशीन से जांच में पांच से दस मिनट का समय लगता है। इसकी रिपोर्ट तुरंत संबंधित मरीज को मिल जाएगी। डाक्टरों का कहना है कि जबड़े के अंदर की हर छोटी से बड़ी नसों में सूजन की जानकारी मिलने से इलाज में आसानी होगी। सीबीसीटी मशीन आने के बाद जांच की दर निर्धारित की जाएगी। कालेज प्रबंधन का कहना है कि शासन की ओर से जांच दर निर्धारित होती है। लेकिन, इतना जरूर है कि निजी अस्पतालों से काफी कम दर पर मरीजाें को जांच उपलब्ध होगी। निजी अस्पतालों में मरीजों को जांच के लिए दो से तीन हजार रूपये खर्च करने पड़ते हैं। शासकीय डेंटल कालेज, रायपुर के प्राचार्य डा विरेन्द्र वाढेर ने बताया कि डेंटल कालेज में सीबीसीटी मशीन के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मरीजों को जल्द ही इसकी सुविधा उपलब्ध होगी। टेंडर में यह शर्त रखी गई है कि जो कंपनी मशीन देगी, उसे ही डार्क रूप बनाना होगा। साथ ही पांच वर्ष की गारंटी भी देनी होगी। मशीन आने पर जांच दर निर्धारित होगी। 

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