जागेश्वर धाम। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित जागेश्वर धाम मन्दिर में गुरुवार को प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूजा, अर्च...
जागेश्वर धाम। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित जागेश्वर धाम मन्दिर में गुरुवार को प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूजा, अर्चना कार्यक्रम से ठीक पहले बुधवार को बीस क्विंटल पुष्पों से मन्दिर को सुसज्जित कर दिया गया। श्री मोदी का मंदिर द्वार पर मुख्य पुरोहित पण्डित हेमन्त भट्ट के नेतृत्व में कुल 11 आचार्य स्वस्ति वाचन कर, आशीर्वाद देंगे। राज्यपाल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वागत करेंगे। तत्पश्चात, प्रधानमंत्री श्री ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर में पूजा.अर्चना कर हनुमान जी, माता पुष्टि देवी, मृत्युंजय व केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए परिक्रमा करते हुए वापस आयेंगे। यह पूरा कार्यक्रम लगभग 25 मिनट तक चलेगा। जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से आज से ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। जबकि गुरुवार को श्री मोदी के कार्यक्रम तक स्थानीय श्रद्वालुओं का भी मंदिर परिसर में प्रवेश निरुद्ध रहेगा। पहली बार मंदिर के मुख्य पुजारी सहित सभी 11 आचार्य तथा पुरोहितों का जांच एजेंसियों ने कोरोना टेस्ट, ब्लड ग्रुप व टेस्ट पुलिस वेरीफिकेशन, आधार कार्ड सहित सभी की बारिकी से जांच की गई है। मंदिर के मुख्य पुरोहित पंडित हेमंत भट्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री गुरुवार को प्रातः लगभग 10.30 बजे आयेंगे। वह लगभग 25 मिनट तक पूजा में भाग लेंगे। उनके साथ केवल दिल्ली से आया हुआ फोटोग्राफर रहेगा। बाकी किसी की भी अंदर आने की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आने के तीन घंटे पूर्व पूजा स्थल पर पुजारी सहित 11 आचार्य बैठ जाएंगे। जो कार्यक्रम की समाप्ति के बाद ही मंदिर परिसर से बाहर आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि इतिहास में पहली बार इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज तक हमने पूरे जीवन में इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कभी नहीं देखी थी। जबकि यहां सुप्रीम कोर्ट के जज सहित देश विदेश से भी बड़े.बड़े नेता दर्शन के लिए आ चुके हैं। श्री मोदी के कार्यक्रम से पहले आज केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंदिर परिसर में पहुंचकर व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा उत्तराखंड के इतिहास में अति महत्वपूर्ण है जिससे राज्य में विकास को और पंख लगेंगे।
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