लखनऊ । केजीएमयू की ओपीडी में डॉक्टर की सलाह के लिए रात तीन बजे से कतार लग रही हैं। महिला व पुरुषों की अलग लाइन लगती है। करीब आधा किलोमीटर...
लखनऊ । केजीएमयू की ओपीडी में डॉक्टर की सलाह के लिए रात तीन बजे से कतार लग रही हैं। महिला व पुरुषों की अलग लाइन लगती है। करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मरीजों का पंजीकरण हो पाता है। सुबह आठ बजे से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान मरीज-तीमारदार खुले आसमान के नीचे इंतजार करते हैं। केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना 6000 से 7000 मरीज आ रहे हैं। नए व पुराने ओपीडी ब्लॉक के अलावा क्वीनमेरी, लारी कॉर्डियोलॉजी, मानसिक, वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग, रेस्पीरेटरी मेडिसिन समेत अन्य विभागों की ओपीडी अलग से संचालित हो रही हैं। इसके बावजूद मरीजों को पंजीकरण के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। गुरुवार को न्यू ओपीडी ब्लॉक से छत्रपति शाहूजी महाराज गेट के निकट डेंटल बिल्डिंग तक मरीज कतार में खड़े नजर आए। इसमें महिला, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। बहुत से मरीज सड़क पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। जबकि न्यू व पुरानी ओपीडी के गेट के पास सैकड़ों की संख्या में मरीज लाइन में थे। बिहार के हरीश सिंह को आंतों से जुड़ी परेशानी है। उन्होंने बताया कि जनरल सर्जरी विभाग में दिखाने के लिए रात तीन बजे से लाइन में लगे हैं। हरदोई की अनीता रावत का कहना है कि चक्कर व उल्टी संबंधी परेशानी है। लारी में दिखाने के लिए दो दिन से कोशिश कर रहे हैं। पंजीकरण ही नहीं हो पा रहा है। इस वजह से डॉक्टर की सलाह नहीं मिल पा रही है।
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