नयी दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषक तत्वों की मोटी परत जमी हुई है और हवा की गुणवत्ता सोमवार को लगातार पांचवें दिन 'गंभीर' ...
नयी दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषक तत्वों की मोटी परत जमी हुई है और हवा की गुणवत्ता सोमवार को लगातार पांचवें दिन 'गंभीर' श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर सुबह पूर्वाह्न 11:30 बजे 432 था। दिल्ली विश्वविद्यालय में यह 473 दर्ज किया गया, जबकि टर्मिनल 03 पर हवाई अड्डे पर एक्यूआई 559, नोएडा में 616, आईआईटी दिल्ली में 517 और गुरुग्राम में 516 दर्ज किया गया। सफर डेटा के अनुसार, सभी 'गंभीर' श्रेणी में थे। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पूसा और लोधी रोड जैसे क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर क्रमशः 407 और 450 दर्ज किया गया, दोनों को 'गंभीर' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में यह 409 दर्ज किया गया। इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए रविवार को तत्काल प्रभाव से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू किया। इस चरण के तहत, आवश्यक सेवाओं के लिए छूट के साथ, अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस 5- अनुपालक वाहनों को प्रवेश की अनुमति है। आयोग ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों को भी प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए निर्माण कार्य पर प्रतिबंध और सरकारी और निजी कार्यालय के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच प्रदूषण का उच्चतम स्तर देखा गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण संकट पर चर्चा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।
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