बिलासपुर । केंद्रीय जेल बिलासपुर में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान जेल के अंदर ही कोर्ट रूम बनाया गया। न्य...
बिलासपुर
। केंद्रीय जेल बिलासपुर में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन
किया गया। इस दौरान जेल के अंदर ही कोर्ट रूम बनाया गया। न्यायाधीशों ने
सुनवाई कर बंदियों के अपराध व सजा की समीक्षा किए। इसके पश्चात लोक अदालत
में सेंट्रल जेल के 11 बंदियों का प्रकरण का निराकरण करते हुए रिहाई का
आदेश दिया गया। रविवार को आयोजित जेल लोक अदालत में जिला न्यायालय बिलासपुर
एवं अन्य तालुका न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीशों द्वारा केंद्रीय जेल में
निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के 11 प्रकरणों का निराकरण किया गए। ऐसे बंदी जो
उन पर आरोपित धारा के अपराध की न्यूनतम अवधि जेल में गुजर चुके थे। उन्हें
जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर उनकी अभिरक्षा में बिताई गई अवधि के बराबर
दंडादेश देकर उनकी रिहाई का आदेश पारित किया गया। जेल से रिहा होने का
आदेश सुनते ही बंदियों के आंखों से आंसू छलक पड़े। जिला एवं सत्र न्यायाधीश
रमाशंकर प्रसाद के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा
उक्त जेल लोक अदालत के लिए न्यायिक दंडाधिकारियों की कुल आठ खंडपीठ बनाई गई
थी। केंद्रीय जेल बिलासपुर में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का
शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश
वरियाल ने महात्मा गांधी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया। जेल लोक
अदालत की कार्यवाही के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उप सचिव गिरीश
कुमार मंडावी, न्यायाधीश सुमित कुमार सोनी, निक्सन डेविड लकड़ा, शुभदा
गोयल, श्वेता बघेल, जेल अधीक्षक खोमेश कुमार मंडावी मौजूद रहे। राज्य विधिक
सेवा प्राधिकरण की यह अभिनव पहल से जेल में क्षमता से अधिक रखे गए बंदियों
की संख्यां को कम करने के लिए यह पहल किया गया। इस दौरान कम समय की सजा
वाले प्रकरणों को चिह्नांकित कर निराकरण करने जेल लोक अदालत का आयोजन किया
गया। बंदियों को जेल के अदंर रिकार्ड के बारे में भी जानकारी ली गई। इसके
आधार पर उन्हें रिहा किया गया।
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