बिलासपुर । 11 हजार दीपों से होगी अरपा मैय्या की आरती, दूधिया रोशनी से नहाया अरपा छठघाट बिलासपुर। सूर्य उपासना का महापर्व छट पूजा कल से प...
बिलासपुर
। 11 हजार दीपों से होगी अरपा मैय्या की आरती, दूधिया रोशनी से नहाया अरपा
छठघाट बिलासपुर। सूर्य उपासना का महापर्व छट पूजा कल से प्रारंभ होगा।
अरपा छट घाट पर 11 हजार दीपों से अरपा मैय्या की आरती की जाएगी। नहाय खाय
के साथ महापर्व प्रारंभ होगा। अरपा तट पर दुधिया रोशनी से सज चुका है।
रंग-बिरंगी लाइट आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। बिलासपुर में रहने
वाले पूर्वांचल वासियों द्वारा उसी उत्साह-उमंग के साथ छठ मनाया जाता है।
छठ मनाने के लिए विश्व का सबसे बड़ा पक्का छठघाट भी तोरवा में स्थित है।
दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी आरंभ हो चुकी है। अरपा छठघाट सज- धज कर
तैयार हो चुका है। पिछले करीब महीनेभर से घाट की साफ-सफाई का जो काम आरंभ
किया गया था, उसे पूरा कर लिया गया है। छठ पूजा समिति के अध्यक्ष डा.
धर्मेंद्र कुमार दास ने बताया कि इन दिनों पूरा घाट दूधिया रोशनी में नजर
आने लगा है। रंग-बिरंगे बिजली के झालरों से भी तोरवा पुल और घाट की आकर्षक
सजावट की गई है। घाट और नदी में लबालब पानी भरा हुआ है, जहां आगामी 19
नवंबर की की शाम 5:12 और 20 नवंबर सोमवार की सुबह 6:21 बजे सूर्यदेव को
अर्घ्य दिया जाएगा। आस्था और समर्पण के छठ महापर्व पर छठी मैया और
प्रत्यक्ष भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। संतान और पूरे परिवार
की मंगल कामना के साथ महिलाएं 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखकर यह
पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है की छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं।
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