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उज्जवला योजना के तहत प्रति उपभोक्ता औसत 3.80 सिलेंडर का उपयोग

  नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि उज्जवला योजना के अब तक 9.60 करोड़ लाभार्थियों में से प्रति लाभार्थी औसतन 3.80 रसोई गैस सिलें...

 

नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि उज्जवला योजना के अब तक 9.60 करोड़ लाभार्थियों में से प्रति लाभार्थी औसतन 3.80 रसोई गैस सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा है तथा 75 लाख नये लाभार्थी और इस योजना से जोड़े जा रहे हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी देते हुये कहा कि मई 2014 में देश में 14 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर के उपभोक्ता थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 33 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इनमें 9.60 करोड़ उपभोक्ता उज्जवला योजना के हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75 लाख नये लाभार्थियों को इस योजना से जोड़ने का निर्णय लिया जिसमें से 34 लाख लाभार्थियों को इससे जोड़ दिया गया है और शेष लाभार्थियों को भी शीघ्र ही जोड़ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर के उपयोग से धुआं के कारण होने वाली मौतों से करोड़ो लोगों को बचाया गया है। एक अन्य सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का मूल्य 900 रुपये है और उज्जवला योजना के तहत इसका मूल्य 600 रुपये है। इस मूल्य में 30 रुपये प्रति सिलेंडर डिलेवरी शुल्क जोड़ा हुआ है लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में परिवहन शुल्क के कारण इसकी कीमतोें में कुछ वृद्धि हो सकती है। श्री पुरी ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछले तीन वर्षाें में 100.85 करोड़ सिलेंडर की डिलेवरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल एवं गैस की ऊंची कीमतों के कारण सरकारी तेल विपणन कंपनियों को 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि निजी रिफाइनरियों और तेल विपणन कंपनियों से विंड फॉल कर सहित कई प्रकार के शुल्क वसूले जा रहे है जिसका उपयोग आम लोगों के लिए किया जाता है। 

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