बिलासपुर । सिम्स की व्यवस्था को पटरी में लाने की कवायद चल रही है। शासन स्तर पर अधिकारी सिम्स की निगरानी करते हुए व्यवस्था सुधारने में जुटे ह...
बिलासपुर । सिम्स की व्यवस्था को पटरी में लाने की कवायद चल रही है। शासन स्तर पर अधिकारी सिम्स की निगरानी करते हुए व्यवस्था सुधारने में जुटे हुए हैं। वही अब निर्देश दिया गया है कि जो भी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते है तो उन्हें उसकी तमाम जानकारी देनी होगी। जानकारी नहीं देने पर प्राइवेट प्रैक्टिस की बात सामने आने पर संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीते दो महिने से सिम्स की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी में लाने की कोशिश शासन स्तर पर किया जा रहा है ताकि यहां पहुंचने वाले मरीजों को उचित चिकित्सकीय सुविधा और ठीक इलाज मिल पाए। अधिकारियों ने जब सिम्स का निरीक्षण किया तो उन्हें तमाम तरह की खामियां मिली। ज्यादातर अधिकारी, चिकित्सक व कर्मचारी अपने दायित्वों के निर्वहन में कोताही बरतते पाए गये। ऐसे में सिम्स में जरूरी बदलाव करते हुए स्टाफ पर भी लगाम लगाने का काम किया जा रहा है। इसी के तहत शासन की ओर से निर्देश है कि सिम्स में जितने भी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। उन्हें अपनी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसमें किस समय और कितने घंटे प्रैक्टिस करते हैं, फीस कितने लेते हैं, निजी क्लीनिक या फिर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं। इस तरह की तमाम जानकारी देनी होगी। मालूम हो कि यह बात भी सामने आई है कि ड्यूटी के टाइम में भी कई डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। ऐसे डाक्टरों पर लगाम लगाने की कवायद की जा रही है। 30 से ज्यादा डाक्टर करते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस सिम्स को लेकर अब तक यह बात सामने आ चुकी है कि यहां के 30 से ज्यादा छोटे-बड़े डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। ऐसे में इन डाक्टरों से जानकारी ली जा रही है। यदि डाक्टर नियमानुसार प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं तो कोई बात नहीं है। यदि इनके प्राइवेट प्रैक्टिस से सिम्स की चिकित्सकीय सेवा प्रभावित हो रहा है तो उन डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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