बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने शासकीय उच्चतर माध्यिमक शाला तिफरा को स्वामी आत्मानंद स्कूल में बदल दिया। सत्र के ब...
बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने शासकीय उच्चतर
माध्यिमक शाला तिफरा को स्वामी आत्मानंद स्कूल में बदल दिया। सत्र के बीच
आनन फानन में प्रवेश की प्रक्रिया पूरा कर आसपास के बच्चों को प्रवेश दिया।
अब सरकार बदलते गड़बड़ी सामने आई है, पता चला है कि नियमविरूद्ध कम उम्र
के बच्चों को प्रवेश दिया गया था। मामला उजागर होने के बाद स्कूल प्रबंधन
ने 10 बच्चों को वापस घर का रास्ता दिखा दिया है। अभिभावकों में इसे लेकर
जबरदस्त आक्रोश है। मिली जानकारी के मुताबिक स्वामी आत्मानंद स्कूल तिफरा
में 25 नवंबर को कक्षा एक में प्रवेश के लिए प्राप्त आनलाइन आवेदनों को
स्वीकार कर ड्रा निकाला गया। 50 सीटों में चयनीत बच्चों का प्रवेश लिया
गया। नियमानुसार कक्षा एक के लिए साढ़े पांच वर्ष से छह वर्ष के बीच के
बच्चों को प्रवेशस लेना था। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर स्कूल प्रबंधन ने
पांच साल के नीचे के बच्चों को प्रवेश दे दिया। इसमें चार साल के बच्चे भी
शामिल थे। अब गड़बड़ी सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को शाला से
निकाल दिया है। मामले में प्रभारी प्राचार्य रविकांत दुबे का स्पष्ट कहना
है कि अभिभावकों ने आनलाइन गलत जानकारी दी थी। दस्तावेजों के परीक्षण के
बाद उन्हें वापस भेज दिया गया है। बता दें कि लापरवाही का अलाम ऐसा कि
कक्षा एक में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी थी। सत्र के बीच उन्हें घर का रास्ता
दिखा दिया गया है। जानकारों का कहना है कि ऐसी गड़बड़ी कई अन्य स्कूलों में
भी हुई होंगी। तत्काल सरकार को इस पर जांच करनी चाहिए।
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