रायपुर । भारत सरकार की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण की विभिन्न श्रेणियों में रायपुर को वाटर प्लस रखने के पीछे चारों एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट...
रायपुर
। भारत सरकार की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण की विभिन्न श्रेणियों में
रायपुर को वाटर प्लस रखने के पीछे चारों एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट)
ने बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले वर्ष इनका काम अधूरा था, जिसकी वजह से
आवेदन देने के बाद भी रायपुर को वाटर प्लस की श्रेणी में शामिल नहीं किया
गया था। वहीं इस वर्ष से भाठागांव, निमोरा, कारा और चंदनीडीह एसटीपी से 206
एमएलडी शहर के गंदे पानी को साफ किया जा रहा है। इसी पानी को विभिन्न
उद्योगों को देने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसकी वजह से रायपुर को वाटर
प्लस श्रेणी में शामिल किया गया है। जीएफसी (गारबेज फ्री सिटी) के सर्वे
में भी रायपुर को फाइव स्टार रेटिंग दी गई है। हालांकि रायपुर द्वारा सेवन
स्टार के लिए आवेदन दिया गया था। इसके पहले के वर्ष में रायपुर को थ्री
स्टार की रेटिंग दी गई थी। ऐसे में इन दोनों ही श्रेणियों में अच्छा
प्रदर्शन होने की वजह से रायपुर की रैंकिंग निश्चित रूप से सुधरने की
संभावना जताई जा रही है। वाटर प्लस की श्रेणी में पिछले वर्ष तक देशभर में
सिर्फ 14 शहर ही शामिल थे। वहीं अब रायपुर भी इस श्रेणी में शामिल हो गया
है। पिछले वर्ष रायपुर को वाटर प्लस श्रेणी में 600 अंक दिए गए थे, जबकि अब
वाटर प्लस होने की वजह से पूरे 1000 अंक मिलेंगे। ऐसे में चार सौ अंकों का
सीधा फायदा होगा। गारबेज
फ्री सिटी में भी 450 अंक बढ़ेंगे इसके अलावा जीएफसी के सर्वे में भी
रायपुर को इस बार फाइव स्टार रेटिंग मिली है। इसके लिए रायपुर को 1050 अंक
दिए जाएंगे। जबकि इसके पहले रायपुर को इस श्रेणी में 600 अंक दिए गए थे। इस
हिसाब से रायपुर को इस बार जीएफसी रेटिंग में 450 अंकों का फायदा होता
दिखाई दे रहा है। इस बार रायपुर की जनता द्वारा किए गए सहयोग की वजह से इसे
राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। देश में सिर्फ 10 शहरों को ही
फाइव स्टार रेटिंग दी गई है, जबकि देश में अब तक सिर्फ 14 शहर की वाटर प्लस
की श्रेणी में आते थे। अब रायपुर का नाम भी इसमें जुड़ गया है। इस तरह
रायपुर देश का 15वां वाटर प्लस शहर बन गया है। पिछले वर्ष 7,500 अंकों के
लिए किए गए सर्वे में रायपुर को 5,395 अंक ही मिले थे, जिसमें जीएफसी सर्वे
में थ्री स्टार और वाटर प्लस श्रेणी न देकर ओडीएफ श्रेणी में रखा गया था।
वहीं, इस बार 9,500 अंकों पर सर्वे किया गया है, जिसमें रायपुर को
प्रारंभिक आकलन के अनुसार 850 अंकों का फायदा सीधे तौर पर होता दिखाई दे
रहा है।
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