नयी दिल्ली । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर...
नयी दिल्ली । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी राजघाट पहुंचे और बापू को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज पुण्यतिथि मनायी जाती है, 30 जनवरी, 1948 के दिन बापू की नाथूराम गोडसे ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी, जिन्हें भारत में प्यार से ‘बापू’ कहा जाता है। उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने विभिन्न शांतिपूर्ण आंदोलनों के माध्यम से अहिंसा या अहिंसा की शक्ति का अंग्रेजों को लोहा मनवाया था। श्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपिता का बलिदान हमें लोगों की सेवा करने और हमारे राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।” प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “मैं पूज्य बापू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं उन सभी को भी श्रद्धांजलि देता हूं जो हमारे देश के लिए शहीद हुए हैं। उनका बलिदान हमें लोगों की सेवा करने और हमारे राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और कहा कि उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देशवासियों के दिलों में स्वदेशी की भावना जागृत की। श्री शाह ने महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर कहा, “गांधी जी के शांति और सद्भाव के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं और उनके विचार देशवासियों को बलिदान देने और राष्ट्र के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य नेताओं ने भी राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी गांधीजी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “आज ही के दिन नफरत और हिंसा की विचारधारा ने अपने पूज्य बापू को देश से छीन लिया था।” श्री गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, “आज वही सोच हमसे उनके सिद्धांत और आदर्श छीनना चाहती है, लेकिन नफरत की इस आंधी में सच्चाई और सद्भाव की लौ बुझनी नहीं चाहिए। यही हमारी राष्ट्रपिता का सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
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