रायपुर। कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव की चुनौती का अंदाजा इसी रणनीति से लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीते हुए विधायकों के स...
रायपुर।
कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव की चुनौती का अंदाजा इसी रणनीति से लगाया जा
सकता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीते हुए विधायकों के स्थान पर हारे
हुए तत्कालीन मंत्रियों पर दांव लगाने जा रही है। लोकसभा के लिए भेजे गए
उम्मीदवारों की सूची में विधानसभा चुनाव में हारे कद्दावर मंत्री रह चुके
कई नेताओं के नाम पहले रखे गए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ये
विधानसभा में भले ही हार गए, लेकिन कांग्रेस को अब भी उनके अनुभवों पर
विश्वास है। नई दिल्ली में हुई कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में
भी विधानसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों की जगह हारे हुए अनुभवी
'मंत्रियों' को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने पर जोर दिया गया है। इसके
पीछे भाजपा के नए चेहरों के सामने कांग्रेस के हारे हुए, लेकिन कद्दावर
नेताओं को सामने रखे जाने की रणनीति है। कांग्रेस के सामने विकल्पों की भी
कमी है। संभावित सूची में दुर्ग से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, महासमुंद
से पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, जांजगीर से पूर्व मंत्री शिव डहरिया, रायपुर
से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय आदि के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। यद्यपि
कांग्रेस पार्टी जीते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व नेता प्रतिपक्ष
डा. चरणदास महंत को भी लोकसभा में टिकट दे तो आश्चर्य नहीं होगा। संभावित
सूची में इनका भी नाम शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, 11 लोकसभा
सीटों में से तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम चर्चा में शामिल किए गए हैं,
यानि इन सीटों पर पुन: चर्चा होगी। जानकारी के अनुसार, रायगढ़, महासमुंद व
रायपुर सीटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी में लंबी चर्चा हुई। इन सीटों में
एक से अधिक नामों के प्रस्ताव शामिल किए गए, जिसकी वजह से पदाधिकारियों ने
इस सीटों पर सिंगल नाम तय नहीं किया है। वहीं, बस्तर में वर्तमान सांसद व
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज की सीट फाइनल मानी जा रही है।
कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी
बस्तर-दीपक बैज
कांकेर- वीरेश ठाकुर
राजनांदगांव- भूपेश बघेल
जांजगीर- शिव डहरिया
सरगुजा-शशि सिंह (महिला)
कोरबा-ज्योत्सना महंत (महिला)
बिलासपुर- विष्णुदेव यादव
दुर्ग-ताम्रध्वज साहू, राजेंद्र साहू
नोट- महासमुंद, रायगढ़, रायपुर, पैनल में है।
जातिगत समीकरण भी हावी
11
लोकसभा सीटों में से छह सामान्य सीटों पर जातिगत समीकरण भी हावी नजर आ रहा
है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में बनी क्वांटीफायबल डेटा आयोग की
रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। राजधानी में भाजपा के प्रत्याशी
बृजमोहन अग्रवाल के सामने दमदार प्रत्याशी तलाशने के लिए कांग्रेस को खासी
मशक्कत करनी पड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक रायपुर से कांग्रेस के अनुभवी
नेता को टिकट मिल सकती है।
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उम्मीदवारों
के नामों पर चर्चा की गई है। अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की
ओर से होगा। सीईसी की बैठक के बाद शीघ्र ही हाईकमान से प्रत्याशियों के
नामों की घोषणा की जाएगी।
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