बिलासपुर। अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। ठीक पहले सोने की चमक बढ़ गई है। सराफा बाजार में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 71,5...
बिलासपुर।
अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। ठीक पहले सोने की चमक बढ़ गई
है। सराफा बाजार में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 71,500 रुपये पहुंच गया
है। वहीं एक किलो चांदी का भाव 80,200 रुपये है। भाव बढ़ने के बाद भी
लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। मांगलिक कार्यों के लिए अभी से एडवांस
आर्डर कर रहे हैं। न्यायधानी में बाजार सजकर तैयार हो चुका है। इस साल
अक्षय तृतीया पर जबरदस्त खरीदारी की उम्मीद है। सराफा, किराना, कपड़ा,
इलेक्ट्रानिक्स, फर्नीचर, आटो मोबाइल, रियल इस्टेट एवं बर्तन दुकानों में
अभी से एडवांस आर्डर होने लगे हैं। अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में सामूहिक
सहित अन्य विवाह आयोजन होंगे। इसे लेकर बाजार में अभी से रौनक लौट आई है।
सबसे अच्छी बात यह कि इस साल बाजार में कोरोना महामारी का खतरा भी नहीं है।
लोकसभा चुनाव सात मई को संपन्न हो जाएगा। ऐसी स्थिति में बाजार खुलने व
बंद करने को लेकर स्वतंत्रता होगी। सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजू
सलूजा का कहना है कि इस साल सोने के भाव में तेजी है, लेकिन ग्राहकों का
उत्साह कम नहीं हुआ है। आजकल ज्यादातर लोग गहने के अलावा सोने को सुरक्षित
निवेश भी मानते हैं। इसलिए त्योहारी सीजन में खूब खरीदारी होती है। 20 और
22 कैरेट में गहने बनवाना या खरीदना अधिक पसंद कर रहे हैं। अक्षय तृतीया
पर मान्यता है कि इस दिन पुण्य मुहूर्त का होता है। ऐसे में इस दिन खूब
शादियां होती हैं। तभी तो बिलासपुर के ज्यादातर होटल, मंगल भवन पहले से बुक
हो चुके हैं। विवाह के लिए खरीदे जाने वाले परंपरागत सामग्री की दुकानें
सज चुकी हैं। शनिचरी, गोलबाजार, तेलीपारा, पुराना बस स्टैंड, सराफा बाजार,
टेलीफोन एक्सचेंज रोड सहित शापिंग माल में खरीदारी के लिए शाम को भीड़
देखते बन रही है। अंचल में सैकड़ों की संख्या में शादियां होंगी और कोई
पाबंदी भी नहीं होने के कारण मैरिज गार्डन, कैटरर्स, बैंड बाजे, हलवाई, सभी
बुक हैं। दुकानदार और व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान आ चुकी है। दहेज
में देने इलेक्ट्रानिक बाजार में कूलर, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन, एलईडी
टीवी तक आ चुके हैं। सबसे खास बात यह कि कैटरर्स, बैंड बाजे वालों के पास
समय नहीं है। अक्षय तृतीया के पूर्व बिलासपुर में बाजार बूम हो चुका है।
मिट्टी से विभिन्न सामग्री बनाने वाले कुम्हार भी इन दिनों बेहद खुश हैं।
समाज का हर परिवार अक्षय तृतीया के मौके पर मिट्टी के गुड्डा-गुड़िया बेचकर
हजारों रुपये का कारोबार करने उत्साहित। उनका कहना है कि त्योहारी सीजन और
भीषण गर्मी ने कुम्हारों की पूछपरख बढ़ा दी है। कोरोना महामारी के बाद से
ज्यादातर लोग मिट्टी के बने बर्तन व मटके का पानी पीना अधिक पसंद करते हैं।
माना जाता है कि इससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
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