भोपाल। पहले दो चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत घटने के बाद तीसरे और चौथे चरण के चुनाव में अधिक मतदान कराना आवश्यक है अन्यथा राज्य का औसत...
भोपाल।
पहले दो चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत घटने के बाद तीसरे और चौथे चरण के
चुनाव में अधिक मतदान कराना आवश्यक है अन्यथा राज्य का औसत मतदान कम हो
जाएगा। पिछले दो चुनाव से मतदान में लगभग दस प्रतिशत की वृद्धि रही है।
तीसरे चरण की नौ सीटों पर 71.25 प्रतिशत से अधिक मतदान रहा था। इनमें
राजगढ़ और विदिशा संसदीय क्षेत्र ऐसे थे, जहां 79.46 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अब दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान के लिए चुनौती है कि वे मतदान 80
प्रतिशत से अधिक कराएं तभी रिकार्ड टूटेगा। इसके लिए दोनों प्रयासरत भी हैं
और प्रत्येक कार्यक्रम में मतदान अवश्य करने की अपील भी कर रहे हैं। मध्य
प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान हो चुका है। 2019 के
चुनाव की तुलना में पहले चरण में 7.48 और दूसरे चरण में 9.06 प्रतिशत कम
मतदान रहा। अब 17 सीटें बची हुई हैं। इनमें से भिंड, मुरैना, ग्वालियर,
गुना, राजगढ़, सागर, विदिशा, बैतूल और भोपाल लोकसभा क्षेत्र में सात मई को
मतदान होगा। भिंड, मुरैना और ग्वालियर में अपेक्षाकृत कम मतदान रहता है,
इसलिए पूरा दारोमदार गुना, राजगढ़, सागर, विदिशा, बैतूल और भोपाल सीट पर
है।
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