बेंगलुरु । एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कर्नाटक में बेंगलुरु की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई की ओर से पेसीएम अभिया...
बेंगलुरु । एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कर्नाटक में
बेंगलुरु की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई की ओर
से पेसीएम अभियान को लेकर दायर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल
गांधी की जमानत याचिका को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। यह मामला पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा शुरू
किए गए विवादास्पद 'पेसीएम' अभियान से उपजा है, जिसमें तत्कालीन भाजपा
सरकार पर अपने 2019-2023 के कार्यकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार
करने का आरोप लगाया गया था। न्यायाधीश केएन शिवकुमार ने कांग्रेस नेता को व्यक्तिगत रूप से अदालत में
पेश होने के निर्देश दिये थे। श्री गांधी कड़ी सुरक्षा और मीडियाकर्मियों
की भीड़ के बीच विशेष अदालत पहुंचे। 'पेसीएम' अभियान कर्नाटक में भाजपा को
सत्ता से बेदखल करने की कांग्रेस पार्टी की रणनीति का केंद्र बिंदु रहा ,
जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े
क्यूआर कोड के साथ दिखाया गया। इस अभियान ने देश का ध्यान आकर्षित किया और
यह कांग्रेस पार्टी का प्रमुख चुनावी हथियार बना। मुख्यधारा के समाचार पत्रों में विज्ञापनों वाले 'पेसीएम' अभियान में आरोप
लगाया गया था कि भाजपा सरकार बड़े पैमाने पर भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल
है। इसे लेकर काफी विवाद पैदा हो गया तथा इसके विरोध में मानहानि का मुकदमा
दायर किया गया। इस मामले में कई बड़े नेताओं की पेशी हो चुकी हैं। गत एक
जून को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार अदालत के समक्ष पेश हुए थे। इन दोनों नेताओं
को भी इसी मानहिन मामले में जमानत मंजूर की गयी थी।
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