रायपुर। रायपुर शहर में दो नकाबपोश शूटर्स ने झारखंड में सड़क बना रहे कारोबारी को डराने के लिए तेलीबांधा में उनके दफ्तर के बाहर फायरिंग की...
रायपुर।
रायपुर शहर में दो नकाबपोश शूटर्स ने झारखंड में सड़क बना रहे कारोबारी को
डराने के लिए तेलीबांधा में उनके दफ्तर के बाहर फायरिंग की। इसके बाद वहां
से बाइक से भागे और फिर रास्ते में उसे छोड़ ऑटो रिक्शा में बैठ गए। ऑटो
से वो 12 से साढे 12 के बीच स्टेशन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने कपड़े
भी बदल लिए थे।
शूटर्स ने स्टेशन के बाहर पहुंचकर सबसे पहले
चाय-सिगरेट पी। इसके बाद पास की मोबाइल दुकान से फोन खरीदा। कुछ देर बाद
स्टेशन के अंदर गए। अंदर से दोनों दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठकर रवाना
हो गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस अब शूटरों की तलाश में जुट गई है।
इनकी तलाश के लिए पांच टीम बनाई गई हैं।
रायपुर। रायपुर शहर में दो
नकाबपोश शूटर्स ने झारखंड में सड़क बना रहे कारोबारी को डराने के लिए
तेलीबांधा में उनके दफ्तर के बाहर फायरिंग की। इसके बाद वहां से बाइक से
भागे और फिर रास्ते में उसे छोड़ ऑटो रिक्शा में बैठ गए। ऑटो से वो 12 से
साढे 12 के बीच स्टेशन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने कपड़े भी बदल लिए
थे।
शूटर्स ने स्टेशन के बाहर पहुंचकर सबसे पहले चाय-सिगरेट पी।
इसके बाद पास की मोबाइल दुकान से फोन खरीदा। कुछ देर बाद स्टेशन के अंदर
गए। अंदर से दोनों दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठकर रवाना हो गए। सीसीटीवी
फुटेज के आधार पर पुलिस अब शूटरों की तलाश में जुट गई है। इनकी तलाश के
लिए पांच टीम बनाई गई हैं।
शूटरों का प्लान पहले से तैयार था। वे
शूटआउट करने के बाद बाइक से भागते तो पकड़े जाते। इस वहज से रास्ते में ही
बाइक छोड़ दी। इसके बाद ऑटो में बैठकर अपना रास्ता बदला। पुलिस को चकमा
देने शूटरों ने चार से पांच ऑटो भी बदले। एक से दो किमी दूरी के बाद वह
लगातार ऑटो बदलते रहे। एक घंटे के अंदर उन्हें शहर छोड़ देना था। स्टेशन
उनके लिए सबसे आसान रास्ता था। इस बीच ट्रेन देर से होने से इन्होंने अपना
रास्ता बदल दिया।
घटना के फायरिंग का सीसीटीवी सामने आया है। वहीं
पुलिस ने रविवार को घटना का रिक्रीएट करवाया। इसके बाद सभी बिंदुओं पर जांच
की। फारेंसिक की टीम भी जांच करने पहुंची थी। वहां से गोली के खोखो जब्त
किए गए हैं।
पिछले बार फायरिंग करने पहुंचे शूटर रायपुर के होटल में
ठहरे थे। एक-एक कर सभी पकड़े गए थे। इस बार शूटरों ने प्लान बदला और
पड़ोसी जिले दुर्ग में ठहरे। इसके बाद रैकी की। कुम्हारी और सरोना के बीच
होटल में ठहरे हुए थे। पुलिस को वहां से रायपुर कारोबारी के आफिस तक आने की
पुख्ता जानकारी हाथ लगी है।
शूटरों को बाइक वहां से मिली इसकी
जानकारी पुलिस जुटाने में लगी हुई है। शूटर जिस गाड़ी से वारदात किए हैं वह
गाड़ी भी झारखंड पासिंग ही है। अक्सर शूटर चोरी की गाड़ियों में फायरिंग
करते हैं। इसके बाद छोड़कर फरार हो जात हैं। ऐसे में यह भी देखा जा रहा है
कि गाड़ी किसी यहां के लोकल व्यक्ति ने तो उपलब्ध नहीं करवाई।
कथित
तौर मलेशिया में बैठे गैंगस्टर मयंक सिंह ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर
ली है। उसने अपने पोस्ट में जेल में बंद झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू को
लेकर भी पोस्ट किया है। उसने कहा है कि, वह एक गैंग के भरोसे काम नहीं करता
है। झारखंड में अगर काम करना है तो रंगदारी देनी होगी।
वारदात के
समय यह बात सामने आई थी कि यह फायरिंग अमन साहू गैंग के शूटर ने की थी,
लेकिन कुछ ही घंटों के बाद कथित तौर पर मलेशिया में बैठे गैंगस्टर मयंक
सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि अमन साहू गैंग से मेरा पूर्व में रिश्ता
अच्छा रहा है, लेकिन अब मैं अमन साहू और उसके गिरोह के भरोसे नहीं बैठे
रहने वाला हूं। हम कारोबारी और उसके कर्मचारियों से बाद में निपटेंगे। सबसे
पहले उस कंपनी में काम करने वाले स्टाफ और अधिकारियों के घर-परिवार वालों
को तत्काल यमराज के दरवाजे तक पहुंचाने का काम करेंगे।
मयंक के
पोस्ट के बाद गैंग वार के जानकारों का मानना है कि लारेंस विश्नोई, अमन
साहू और मयंक सिंह के बीच मनमुटाव या विवाद घर कर गया है। अब तक लारेंस के
लिए अमन और अमन के लिए मयंक काम करते रहे हैं। इस पोस्ट में मयंक ने इसे
स्पष्ट किया है कि वह स्वयं फैसले करेगा। यानी मयंक ने अमन से दूरी बनाने
या बन जाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में यह समझा जा रहा है कि पीआरए ग्रुप से
वसूली में दो गैंग से निपटना होगा।
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