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मानसून सत्र के पहले दिन सदन सदस्यों के तीखे नोक-झोंक से गरमाया

  रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन यानी सावन सोमवार को सदन सदस्यों के तीखे नोक-झोंक से गरमाया। विपक्ष ने राज्य सरकार ...

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन यानी सावन सोमवार को सदन सदस्यों के तीखे नोक-झोंक से गरमाया। विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरते हुए कई सवाल उठाये। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भाजपा नेताओं से रामलला को भेंट किए बेर पर घेरा। उन्होंने कहा कि कहा कि अभी बेर का सीजन भी नहीं है। ऐसे में बेर न शिवरीनारायण में मिल रहा न रायपुर में, फिर अयोध्या बेर कहां से ले गए? उन्होंने प्रदेश में राम वनगमन पथ से जुड़े स्थलों के विकास को लेकर साय सरकार को घेरा। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने रामजी के जहां-जहां चरण पड़े थे, ऐसे 75 स्थानों का चयन किया था। हमारी सरकार ने दस स्थानों पर काम शुरू कराया था, लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद सात महीनों में किसी भी स्थान पर एक एक ईंट भी रखा गया?


 इस पर रायपुर पश्चिम बीजेपी विधायक राजेश मूणत समेत अन्य भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि फिर छत्तीसगढ़ में क्यों हारे? इस पर महंत ने कहा कि आप लोग बात को गलत दिशा में ले जा रहे हैं इसीलिए अयोध्या, प्रयागराज हारे हैं। पीएम मोदी ने श्रीराम सर्किट बनाने का वादा किया है, उसमें छत्तीसगढ़ का नाम नहीं है, उसे जुड़वा दें।

वहीं बलौदाबाजार हिंसा मामले पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष के स्थगन को अग्राह्य करते ही विपक्ष ने नारेबाजी की। नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

वनभूमि पट्टा के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मुद्दा उठाया
विपक्ष ने सदन में वनभूमि पट्टा के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मुद्दा उठाया। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब पर असंतोष जताते हुए कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव ने पूछा कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड की पंचायत शोभा में वन भूमि पट्टा के लिए दस्तवेजो में सरपंच और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर और सील का उपयोग करके वनाधिकार के लिए फर्जी मांग पत्र तैयार किया गया है। इसकी शिकायत पूर्व सरपंच ने जिला कलेक्टर से की है। मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिये। इस संबंध में मंत्री बतायें कि कब तक एफआईआर दर्ज की जायेगी?

मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि वन भूमि पट्टा के लिए फर्जी मांग पत्र तैयार करने संबंधी मिली शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी, लेकिन प्राप्त शिकायत पर जिला स्तरीय वन अधिकार समिति गरियाबंद ने परीक्षणोपरांत संजय नेताम एवं अनिता नेताम के किसी प्रकार का दावा आवेदन नहीं करने के कारण प्रकरण निरस्त किया गया है। इसलिये एफआईआर दर्ज करने का प्रश्न ही नहीं है। मंत्री के जवाब पर विपक्ष नाराजगी जताते हुए मामले की जांच पर अड़ गया। पूरा विपक्ष कार्रवाई की बात करता रहा।

शिक्षकों की कमी पर घेरा
बीजेपी विधायक मोतीलाल साहू ने प्रश्नकाल में स्कूलों में शिक्षकों की कमी की बात करते हुए सवाल उठाया कि रिक्त पदों पर कब तक भर्ती होगी? इस पर सीएम विष्णुदेव साव ने कहा कि देश के औसत से हमारा शिक्षकों का औसत बेहतर है, फिर भी शिक्षकों की कमी है। पूरे देश में 26 छात्र पर एक शिक्षक है, जबकि छत्तीसगढ़ में 21 छात्र पर एक शिक्षक है। करीब 300 शिक्षकविहीन स्कूल हैं और करीब पांच हजार पांच सौ एकल शिक्षक स्कूल हैं। पहले युक्तियुक्तकरण करेंगे। इसके बाद शिक्षकों की भर्ती होगी।

पांच दिवंगत पूर्व विधानसभा सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि
इससे पूर्व छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पांच दिवंगत पूर्व विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि के साथ शुरू हुई। इनमें मकसूदन लाल चंद्राकर, अमीन साय, लक्ष्मी प्रसाद पटेल, अग्नि चंद्राकर और अंतु राम कश्यप को याद किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदस्यों के निधन को राजनीति और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व सदस्यों के निधन पर श्रद्धांजलि दी। नेता-प्रतपिक्ष डॉ. चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बिताये पलों को याद किया।

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