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छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा धान का देश में सर्वाधिक मूल्य

 धान की बिक्री से 24 लाख 72 हजार किसानों के खाते में आए 32 हजार करोड़ किसानों को मिला 13,320 करोड़ रूपए का  बकाया धान बोनस रायपुर । प्रधानमंत...


 धान की बिक्री से 24 लाख 72 हजार किसानों के खाते में आए 32 हजार करोड़

किसानों को मिला 13,320 करोड़ रूपए का  बकाया धान बोनस

रायपुर । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए विश्वास, विकास और बदलाव की गारंटी बन चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान कल्याण की नीतियों से खेती में किसानों का मुनाफा बढ़ा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनसे किसान परिवार अधिक सशक्त और फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक की प्रक्रिया बेहद आसान हुई है। सरकार के परिवर्तनकारी फैसलों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों को उनके धान का उच्चतम मूल्य मिल रहा है।

कृषक उन्नति योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है। इस फैसले से किसानों की स्थिर आय सुनिश्चित हुई है। किसानों से अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 दिसंबर, 2023 को सुशासन दिवस के दिन 13 लाख किसानों के बैंक खातों में लंबित धान बोनस का 3,716 करोड़ रुपये भी पहुंचा दिया।
किसानों को मिल रहे प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान बेचा, जिसके एवज में उन्हें 31,913 करोड़ रुपये का भुगतान कियाद्य 12 जनवरी, 2024 को धान के मूल्य की अंतर राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया।
   

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को फसल उगाने से लेकर उन्हें बेचने और भुगतान तक की प्रक्रिया में किसी भी तरह की तकलीफ न आए किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किए जाने का निर्णय भी लिया गया, जिसके लागू होने से अब अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल सकेगा।

मंडी फीस के स्थान पर अब मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा।

खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं को दूर करते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी, इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2024-2025 के बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, इसके साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीजों का वितरण भी समय के भीतर ही हो सके।

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