Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग

latest

सिम्स के चिकित्सकों ने तीन सौ नजवातो को दिया नया जीवन

  बिलासपुर। सिम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डां. दीपक जांगड़े और उनकी टीम का कहना है कि यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में सिम्स की पहचान को और मजबूती ...

 

बिलासपुर। सिम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डां. दीपक जांगड़े और उनकी टीम का कहना है कि यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में सिम्स की पहचान को और मजबूती प्रदान करेगी। बच्चों को जन्म से होने वाली क्लब फुट बीमारी की वजह से पैर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। समय पर उपचार न कराने पर बच्चों को दिव्यांगता का दंश भी झेलना पड़ता है। डां. दीपक जांगड़े व उनकी टीम का कहना है कि क्लब फुट का इलाज जन्म से दो साल तक की उम्र में पांच प्लास्टर लगाकर या फिर एक छोटे से आपरेशन के जरिए किया जाता है। इसके बाद बच्चों को विशेष प्रकार के जूते पहनाए जाते हैं, जिससे उनके पैर पूरी तरह से सीधा हो जाते हैं। सिम्स की ओपीडी में प्रतिदिन एक-दो नए मामले आते हैं, जिनका मुफ्त इलाज किया जाता है। इस सफल अभियान में सिम्स के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. राकेश नहरेल और उनकी टीम ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सिम्स के कई विशेषज्ञ डाक्टरों ने मिलकर काम किया, जिनमें डा. एआर बेन, डा. संजय धिल्ले, डा. तरुण ठाकुर, डा. अविनाश अरावाल, डा. सागर, डा. भावना रायजादा व डा. प्रशांत पैकरा शामिल हैं। निश्चेतना विभाग से सिस्टर बहादुर, योगेश्वरी, ऋतुचंद का भी इस सफलता में विशेष योगदान रहा है। हड्डी रोग विभाग की उपलब्धि पर सिम्स के डीन डा. रामणेश मूर्ति, हास्पिटल प्रभारी डा. लखन सिंह, डा. बीपी सिंह, डा. अर्चना सिंह ल डा. भूपेंद्र कश्यप ने इस उपलब्धि पर हड्डी रोग विभाग की पूरी टीम को बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की हैं। सिम्स हड्डी रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि क्लब फुट एक जन्मजात बीमारी है, जिसमें बच्चों के एक या दोनों पैर टेढ़े होते हैं। पहले इस बीमारी की जानकारी के अभाव में बच्चों का इलाज नहीं हो पाता था। बच्चों के पैर हमेशा के लिए टेढ़े रह जाते थे। लेकिन सिम्स ने इस चुनौतीपूर्ण बीमारी का इलाज शुरू किया और अब तक 300 बच्चों का पैर सीधा करने में सफलता प्राप्त की है।

No comments