रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (सीजी.एस.सीसीसी) द्वारा नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में 28 नवंबर को ”सतत् आवास एवं कृषि क्ष...
रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (सीजी.एस.सीसीसी) द्वारा नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में 28 नवंबर को ”सतत् आवास एवं कृषि क्षेत्रों में राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के क्रियान्वयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला के दौरान जलवायु परिवर्तन पर एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की जाएगी। इसके साथ ही, एयर कंडीशनर तापमान विनियमन पर जागरूकता पोस्टर और जलवायु परिवर्तन से संबंधित 100 सफलता की कहानियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।
इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की
अपर मुख्य सचिव, श्रीमती ऋचा शर्मा, आईएएस, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित
होंगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री उमा शंकर पांडे, जो एक सफल
किसान, पारंपरिक जल संरक्षण विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो अपने
अनुभव साझा करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र के नोडल अधिकारी
एवं एपीसीसीएफ, श्री अरुण कुमार पांडे, आईएफएस, ने वन विभाग की हालिया
उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा।
गौरतलब है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, श्री वी. श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन में, छत्तीसगढ़ वन विभाग ने राष्ट्रीय महत्व की कई पहल की हैं। इनमें इको-रिस्टोरेशन नीति का मसौदा तैयार करना, जिससे छत्तीसगढ़, केरल के बाद यह नीति बनाने वाला भारत का दूसरा राज्य बन गया है, और इको-डेवलपमेंट बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा, विभाग ने सतत वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।
तकनीकी सत्र में अपूर्व मित्रा KPMG LLP, गुरुग्राम), डॉ. सुजीत कुमार (क्लिमआर्ट, बेंगलुरु), अविनाश मिश्रा, आईएएस (नगर निगम आयुक्त, रायपुर), रितेश सैनी (स्वच्छ भारत मिशन, अंबिकापुर), शशिकला (क्लस्टर लेवल फेडरेशन, स्व-सहायता समूह), आनंद सिंघानिया (अविनाश ग्रुप), अमित कुमार (E&Y LLP, नई दिल्ली), डॉ. पनीरसेल्वम एस. (पूर्व निदेशक, डब्ल्यूटीसी, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय), संकल्प शर्मा (नर्मदा नेचुरल फार्म्स, भोपाल) और डॉ. दीपक शर्मा (प्रोफेसर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर) जैसे विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला में दो पैनल चर्चाएं आयोजित होंगी। पहली चर्चा सतत् आवास क्षेत्र में जलवायु-लचीले उपायों पर केंद्रित होगी, जिसमें डॉ. रघु मर्तुगुड्डे (आईआईटी मुंबई), डॉ. हिमांशु पॉपटानी (एनआईटी रायपुर), आर. संगीता (सचिव सह आबकारी आयुक्त), बसवराजू एस., आईएएस (शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग), और डॉ. कंवल कामरा सुजीत (टेरालाइव एन्वायरो टेक प्रा. लि., बेंगलुरु) भाग लेंगे।
दूसरी चर्चा कृषि क्षेत्र में जलवायु-लचीले उपायों पर केंद्रित होगी, जिसमें डॉ. पनीरसेल्वम एस., जयंती बिसेन (नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट), शहला निगार, आईएएस (कृषि विभाग), प्रो. जीके दास (डीन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर), और जगदीसन एस., आईएफएस (निदेशक, बागवानी, छत्तीसगढ़) शामिल होंगे।
गौरतलब है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, श्री वी. श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन में, छत्तीसगढ़ वन विभाग ने राष्ट्रीय महत्व की कई पहल की हैं। इनमें इको-रिस्टोरेशन नीति का मसौदा तैयार करना, जिससे छत्तीसगढ़, केरल के बाद यह नीति बनाने वाला भारत का दूसरा राज्य बन गया है, और इको-डेवलपमेंट बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा, विभाग ने सतत वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।
तकनीकी सत्र में अपूर्व मित्रा KPMG LLP, गुरुग्राम), डॉ. सुजीत कुमार (क्लिमआर्ट, बेंगलुरु), अविनाश मिश्रा, आईएएस (नगर निगम आयुक्त, रायपुर), रितेश सैनी (स्वच्छ भारत मिशन, अंबिकापुर), शशिकला (क्लस्टर लेवल फेडरेशन, स्व-सहायता समूह), आनंद सिंघानिया (अविनाश ग्रुप), अमित कुमार (E&Y LLP, नई दिल्ली), डॉ. पनीरसेल्वम एस. (पूर्व निदेशक, डब्ल्यूटीसी, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय), संकल्प शर्मा (नर्मदा नेचुरल फार्म्स, भोपाल) और डॉ. दीपक शर्मा (प्रोफेसर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर) जैसे विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला में दो पैनल चर्चाएं आयोजित होंगी। पहली चर्चा सतत् आवास क्षेत्र में जलवायु-लचीले उपायों पर केंद्रित होगी, जिसमें डॉ. रघु मर्तुगुड्डे (आईआईटी मुंबई), डॉ. हिमांशु पॉपटानी (एनआईटी रायपुर), आर. संगीता (सचिव सह आबकारी आयुक्त), बसवराजू एस., आईएएस (शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग), और डॉ. कंवल कामरा सुजीत (टेरालाइव एन्वायरो टेक प्रा. लि., बेंगलुरु) भाग लेंगे।
दूसरी चर्चा कृषि क्षेत्र में जलवायु-लचीले उपायों पर केंद्रित होगी, जिसमें डॉ. पनीरसेल्वम एस., जयंती बिसेन (नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट), शहला निगार, आईएएस (कृषि विभाग), प्रो. जीके दास (डीन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर), और जगदीसन एस., आईएफएस (निदेशक, बागवानी, छत्तीसगढ़) शामिल होंगे।
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