Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग

latest

मरीज की जान बचाने के लिए जांबाज बने डॉक्टर

 रायपुर। आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज का एक ही दिन में दो बार जीवन बचाया। पहला तो उसका ऑपरेशन करके और दूसरा उसे आग से बचाकर। मंगलवा...

 रायपुर। आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज का एक ही दिन में दो बार जीवन बचाया। पहला तो उसका ऑपरेशन करके और दूसरा उसे आग से बचाकर। मंगलवार को मरीज का ऑपरेशन कर रहे डॉक्टरों ने देखा कि अचानक ऑपरेशन थिएटर में धुआं भर रहा है। थोड़ी देर बाद पता चला कि ट्रामा सेंटर के ऑपरेशन थिएटर में एयर प्यूरीफायर में शार्ट सर्किट से आग लग गई है। यह आग दूसरी ओटी तक पहुंच गई थी, जहां सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल गुढ़ियारी के 22 वर्षीय युवक का ऑपरेशन हो रहा था। इसके बाद डॉक्टरों ने जान की परवाह न करते हुए मरीज को बचाने के लिए एक जांबांज की तरह कोशिश की और इसमें सफल हुए। डॉक्टरों ने पहले तो फायर एक्सटिंगिशर से आग बुझाने का प्रयास किया। बाद में फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा। इस बीच कमरे में धुआं भर गया। इसकी वजह से सभी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। डॉक्टरों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अंदर से खिड़की के शीशे को तोड़ा। इसके बाद बाहर मौजूद स्टाफ ने ग्रिल काटकर मरीज को बाहर निकाला। फिर मेजर ओटी में शिफ्ट कर मरीज का ऑपरेशन पूरा किया गया। मरीज सामान्य है। डॉक्टरों के अनुसार जहां आग लगी, उस ओटी में कुछ देर पहले ही एक मरीज का ऑपरेशन किया गया था। इससे लगे दूसरे ओटी पर एक मरीज का ऑपरेशन हो रहा था। यहां से निकलने के लिए एक ही रास्ता था, जो कि पहली ओटी से गुजरता था। ऐसे में कांच तोड़कर व ग्रिल काटकर निकालने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था। मरीज की जान बचाने वाली नौ डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ. प्रीतम प्रजापति, इंतजार ओर्के, अजिन, श्यामधर, सर्वप्रिया, मनुप्रताप, योगेश्वर, हेमेंद्र और डॉ. अहाना ने कहा कि उन्हें कुछ समय में ही मरीज की दो बार जान बचाकर बड़ा सुकून मिला है।एक डॉक्टर को अस्थमा की शिकायत थी और धुएं की वजह से वे अचेत हो गए थे। अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि एक हादसे में मरीज के घुटने और जांघ की हड्डी टूट गई थी। उसके सिर पर भी असर पड़ा था और तीनों जगह का ऑपरेशन चल रहा था। मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। ऐसे में धुएं से उसकी जान जा सकती थी।

No comments