कोरबा। महिलाओं को आजीविका से जोड़ने का झांसा देकर फ्लोरा मैक्स कंपनी ने 110 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इसके बाद कंपनी के एजेंटों पर निव...
कोरबा।
महिलाओं को आजीविका से जोड़ने का झांसा देकर फ्लोरा मैक्स कंपनी ने 110
करोड़ रुपये की ठगी की थी। इसके बाद कंपनी के एजेंटों पर निवेशकों के पैसे
वापस लौटने का दबाव बढ़ता जा रहा। लोन देने वाले बैंक और निजी फाइनेंस
कंपनियां भी एजेंट्स को डरा-धमका रहे है। इससे महिला एजेंट परेशान हैं, साथ
ही स्वजन भी मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं। एक महिला एजेंट के
पति ने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों की प्रताड़ना से जहर खाकर आत्महत्या
कर ली है। आठ दिन के अंदर आत्महत्या की यह दूसरी घटना है। जांजगीर- चांपा
जिले के चांपा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम दारंग में रहने वाली नीरा साहू
दो साल पहले फ्लोरा मैक्स कंपनी से जुड़ी थी। इस दौरान उसने आस-पास के
क्षेत्र के करीब 380 महिलाओं को कंपनी से जोड़ा था। ज्यादातर महिलाओं ने
30-30 हजार रुपये लोन लेकर कंपनी में जमा कराया था। कुछ ऐसी भी महिलाएं
इसमें शामिल हैं, जिन्होंने 60 से 90 हजार रुपये तक निवेश किया है। कंपनी
ने प्रति माह 2,600 रुपये वेतन प्रदान करने और लोन की राशि जमा करने का भी
भरोसा दिलाया था। कुछ माह तक लोन की किस्त की राशि कंपनी ने जमा की, फिर
अचानक बंद कर दिया गया।
किस्त नहीं पटने पर महिलाओं पर बैंक और निजी
कंपनियां नोटिस जारी करने लगीं। महिलाओं ने संयुक्त रूप से चांपा थाना में
इस घटना की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला
पंजीबद्ध किया है। उधर, निवेश करने वाली महिलाएं बैंक के कर्जा से मुक्ति
पाने नीरा के घर का चक्कर काट रहे थे।नीरा के घर की भी आर्थिक स्थिति चरमरा
गई। बेहतर कार्य के लिए कंपनी से नीरा को प्रदान की गई स्कूटी को पुलिस
जब्त कर ले गई। निजी फाइनेंस कंपनी के लोग लगातार नीरा और उसके पति संतोष
साहू 50 साल के लिए जेल भेज देने की चेतावनी दे रहे थे।
बेहद मानसिक
तनाव से गुजर रहे संतोष ने गुरुवार को जहर खा लिया। उसे चांपा स्थित
बीडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान देर रात को
उसकी मौत हो गई। बताते चलें कि कोरबा जिले में संचालित फ्लोरा मैक्स नामक
कंपनी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया था। छत्तीसगढ़ के पांच
जिला कोरबा समेत बिलासपुर, जांजगीर- चांपा, मुंगेली व रायगढ़ के 37 हजार
महिलाओं से करीब 110 करोड़ रुपये जमा कराया। इसमें 95 प्रतिशत से अधिक
महिलाओं ने लोन पर पैसे लेकर जमा किए थे। कोरबा के कोतवाली में भी धोखाधड़ी
का एक ओर मामला दर्ज है। ईमलीडुग्गू में रहने वाले कंपनी के डायरेक्टर
अभिषेक सिंह समेत 13 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
धमका रहे थे फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी
संतोष
साहू का अस्पताल में मरणासन्न बयान लेने वाले नायब तहसीलदार प्रशांत
गुप्ता ने बताया कि उसकी हालत बेहद नाजुक थी। किसी तरह उसने बताया कि एक
निजी फाइनेंस कंपनी के कुछ कर्मचारी लगातार उसे धमका रहे थे। जितनी राशि
फाइनेंस कंपनी मांग रही थी, उतना जमा करने के लिए उसके पास नहीं था। कोई
रास्ता उसे नहीं सुझा, तो उसने कीटनाशक पीकर जान दे दी। आठ दिन पहले करतला
थाना क्षेत्र के ग्राम सकदुकला में रहने वाली एजेंट भगवती बाई ने आत्महत्या
कर ली थी। उसने करीब 80 महिलाओं को कंपनी से जोड़ा था। उसके बाद उन
महिलाओं ने अपने परिचित महिलाओं को कंपनी से जोड़ा, इस तरह चेन तैयार होता
चला गया।
भगवती पर भी निवेशकों के पैस वापस लौटाने का भारी दबाव था।
उसने घर में फांसी लगा कर जान दे दी। आठ दिन के अंदर फ्लोरा मैक्स के
एजेंट से जुड़े आत्महत्या के दूसरी घटना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
कोरबा पुलिस ने करीब 45 बैंक व फाइनेंस कंपनियों की बैठक लेकर एजेंट व
निवेशकों को परेशान नहीं करने की समझाइश दी है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ
तिवारी ने राज्य के सभी कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर आरोपितों का ब्योरा
उपलब्ध कराया है। साथ ही उनके व उनके निकटतम रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति
का विवरण मांगा है। पुलिस आरोपितों की संपत्ति कुर्क कर उसने मिलने वाली
राशि पीड़ितों को वापस लौटाने की कार्रवाई करेगी।
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