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राष्ट्रीय राजमार्गों के 13 हजार ब्लैक स्पॉट 2029 तक हो जाएंगे समाप्त: पंकज चौधरी

  नयी दिल्ली । वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वर्ष 2029 तक देश के राजमार्गों पर चिह्नित सभी 13 हजार ब्लैक स्पॉट को भरने या समाप्त करने ...

 

नयी दिल्ली । वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वर्ष 2029 तक देश के राजमार्गों पर चिह्नित सभी 13 हजार ब्लैक स्पॉट को भरने या समाप्त करने की शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने सड़क से लेकर हवाई यातायात नेटवर्क का बड़े पैमाने पर विस्तार किया है, जिससे लोगों का सफर करना सुगम और सुविधाजनक हो गया है। श्री चौधरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क की मजबूती से देश में न केवल आर्थिक विकास की रफ्तार में तेजी आई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी बुनियादी सुविधाएं बेहतर हुई हैं और इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर चिह्नित किए गए सभी ब्लैक स्पॉट को भरने या समाप्त करने की व्यवस्था की गई है, ताकि इन राजमार्गों को दुर्घटना मुक्त बनाया जा सके। ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
 

श्री चौधरी ने मोदी सरकार में सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी में हुए क्रांतिकारी बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि 10 वर्षों में यातायात बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इससे आर्थिक प्रगति के द्वार खुले हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 1.6 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में 91,287 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जो नवंबर 2024 तक बढ़कर 1,46,195 किलोमीटर हो गए हैं। भारतमाला परियोजना के तहत, प्रथम चरण में 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया जाना है। इसमें से 26,425 किलोमीटर के काम का देखा दिया जा चुका है, जबकि 18714 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर (एचएससी) की लंबाई 2014 में 93 किलोमीटर थी जो 2024 में बढ़कर 2,474 किलोमीटर हो गई है। वर्ष 2014 में चार या अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 18,300 किलोमीटर थे, जो अब बढ़कर करीब 45,900 किलोमीटर हो गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में इसमें ढाई गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। निर्बाध माल ढुलाई और किफायती परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 35 स्थानों की पहचान की गई है, जिसमें छह मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। तीन अन्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
 

श्री चौधरी ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत को विमानन क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने, आम लोगों को जोड़ने और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया है। देश में चालू हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। 2014 में 74 हवाई अड्डों से उड़ानें संचालित होती थीं जबकि 2024 में देश के 158 हवाई अड्डों से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। उड़ान योजना के तहत 613 मार्गों पर सफलतापूर्वक हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं। 87 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया है। डिजीयात्रा पहल के तहत, संपर्क रहित और निर्बाध यात्रा एक वास्तविकता बन गई है, जिसमें 24 हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (एफआरटी) लागू की गई है। भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बनकर उभरा है।
 

वित्त राज्यमंत्री ने रेलवे की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रेल मंत्रालय ने विद्युतीकरण, आधुनिक बुनियादी ढांचे और बेहतर यात्री सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए बड़े पैमाने पर बदलाव किया है। उन्होंने बताया कि 97 प्रतिशत रेल मार्गों का विद्युतीकरण किया गया है, जिससे स्थिरता और दक्षता को बढ़ावा मिला है। अमृत ​​भारत योजना के तहत, देश भर में 1,337 स्टेशनों का विश्व स्तरीय मानकों के अनुसार पुनर्विकास किया जा रहा है। यह पूरे विश्व में अपने आप में अनूठा रेलवे स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम है। 68 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों, दो अमृत भारत ट्रेनों और एक नमो भारत रैपिड रेल की शुरूआत ने रेल यातायात में क्रांति ला दी है, जिससे रफ्तार के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा में भी वृद्धि हुई है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का 96 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) का काम पूर्ण हो चुका है जबकि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) का काम अंतिम चरण में है।
 

श्री चौधरी ने बताया कि यातायात नेटवर्क के मामले में पिछले दस वर्षों की उपलब्धियां भारत को कनेक्टिविटी, दक्षता और प्रगति का केंद्र बनाने के मोदी सरकार के गंभीर प्रयासों को रेखांकित करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है।  

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