नयी दिल्ली । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि जब देश गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा हो तो सदन को लोगों को प्रेरित ...
नयी दिल्ली । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि जब देश गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा हो तो सदन को लोगों को प्रेरित करने के लिए एकजुट आवाज उठानी चाहिए ताकि इन ताकतों को पराजित किया जा सके। श्री धनखड़ ने सदन में अमेरिकी निवेशक जार्ज सोरोस पर जारी हंगामा के बीच कहा कि देश में नकारात्मक एजेंडा बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस तरह की साजिशों को बर्दाश्त या अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा , “डीप स्टेट की कार्यप्रणाली पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यह हमें कोविड बीमारी से भी अधिक नुकसान पहुंचाती है। इस पर पूरे देश को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। देश को बड़े पैमाने पर लोगों को एक दिशा देनी चाहिए ताकि भारत के सभी दुश्मनों को एक सबक मिले कि वे कभी भी हमारी अखंडता, हमारी संप्रभुता को चुनौती देने और हमारी प्रगति में बाधा डालने का दुस्साहस न करें। उन्होंने सदस्यों से कहा,“ हमारा आचरण ऐसा होना चाहिए कि लोगों की संसद में अधिक रुचि हो क्योंकि अगर संसद में संवाद आम लोगों की भावनाओं को साझा नहीं करेगा तो संसद अप्रासंगिक हो जाएगी। संसद के लिए ऐसी गंभीर चुनौतियों पर चर्चा करना मौलिक है, जिनका सामना देश कर रहा है। सभापति ने दोनों पक्षों के सदस्य से आत्मचिंतन करने का का आह्वान करते हुए कहा , “उन्हें शपथ लेनी होगी और देश के सामने एक उदाहरण पेश करना होगा कि हम पहले भारतीय हैं, हमारे लिए राष्ट्र सबसे पहले है। राष्ट्रवाद के प्रति हमारी प्रतिबद्धता शत-प्रतिशत होनी चाहिए। हम अपनी राष्ट्रीयता को कम नहीं होने देंगे। हम अपनी एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए किसी भी चुनौती को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”श्री धनखड़ ने कहा , “ यह हमारे अस्तित्व को चुनौती है। हम एक राष्ट्र के रूप में इन भयावह ताकतों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये ताकतें भारत की शत्रु हैं। इस शत्रुतापूर्ण ताकत तंत्र विकसित हो रहा है। इसे बेअसर करने की आवश्यकता है। ” उन्होंने कहा कि सभी विभाजनकारी ताकतें भारत की अवधारणा के लिए हानिकारक हैं। ये सभी ताकतें भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने, प्रगति को रोकने, आर्थिक उत्थान को बाधित करने की साजिश रखते हैं। उन्होंने कहा कि इन ताकतों को हमें हराना होगा। उन्होंने बताया कि सदन के सुचारु संचालन के लिए सदन के नेता और विपक्ष के नेता के बीच बैठक हुई है। इसमें दोनों पक्ष और कुछ अन्य नेता जैसे तिरुचि शिवा, प्रमोद तिवारी और जयराम रमेश मौजूद थे।
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