रायपुर । नए वर्ष में प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के मंत्रिमंडल में नए विधाय...
रायपुर
। नए वर्ष में प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के मंत्रिमंडल में नए विधायकों को जगह
मिलने से नया राजनीतिक समीकरण बनेगा। हरियाणा की तर्ज पर प्रदेश में भी 14
मंत्री बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी तो साय सरकार के मंत्रिमंडल में तीन
नए चेहरों को मौका मिलेगा। अभी प्रदेश की 90 सीटों वाली विधानसभा में 15
प्रतिशत के हिसाब से 13.5 प्रतिशत विधायकों को ही मंत्री बनाने का प्रविधान
है। हालांकि हरियाणा में भी भाजपा सरकार है और वहां भी विधानसभा में कुल
90 सीटें हैं, इसके बावजूद वहां पर 14 मंत्री बनाए गए हैं। ऐसे में कयास
लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा फार्मूला चल सकता है। मंत्री
बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर सांसद बनने के बाद साय मंत्रिमंडल में अभी 11
मंत्री हैं। मंत्रिमंडल के अलावा साय सरकार 33 निगम मंडलों में
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों की भी नियुक्ति करेगी। इसी तरह विधानसभा में
उपाध्यक्ष और कांग्रेस की तरफ से उप नेता प्रतिपक्ष बनाने की भी कवायद हो
सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का विलय
होने की उम्मीद है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कांग्रेस में विलय के
लिए प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर प्रस्ताव भेजा है। जनता कांग्रेस
छत्तीसगढ़ (जे) की स्थापना 23 जून 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने
किया था। वर्ष-2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ मिलकर जनता
कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने चुनाव लड़ा था। गठनबंधन को 90 में से केवल सात
सीटें ही मिलीं, जिसमें जोगी की पार्टी को पांच और बसपा की दो शामिल थीं।
2023 के विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा। 77 सीटों
पर प्रत्याशी उतरे, लेकिन किसी को जीत का स्वाद नही मिला। कांग्रेस में
बड़े बदलाव की आवाज पिछले कई महीनों से उठ रही है। पार्टी नेतृत्व ने इस
बारे में पहले भी कई मौकों पर संकेत दिया है। अभी तक पार्टी में कोई बड़ा
बदलाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन अब बदलाव की आवाज जोर-शोर से उठने लगी
है। प्रदेश कांग्रेस संगठन में महामंत्री, सचिव और जिला अध्यक्ष सहित कई पद
रिक्त हैं। इन पदों पर नए लोगों को नियुक्त किया जाना है। ये पद काफी समय
से रिक्त हैं। नये वर्ष में कई जिलों में शहरी और ग्रामीण जिला अध्यक्ष
बदले जाएंगे, जिसकी तैयारी कर ली गई है। प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत
चुनाव कराए जाएंगे, इसके लिए तैयारी पूरी की जा चुकी है। भाजपा और कांग्रेस
ने लोगों के बीच जाने के लिए मुद्दे तय कर लिए हैं। प्रदेश के 14 नगर
निगमों में से 10 में चुनाव होना है। इनमें अंबिकापुर, धमतरी, कोरबा,
बिलासपुर, चिरमिरी, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर शामिल
हैं। रिसाली, भिलाई, बीरगांव और भिलाई-चरोदा में अभी चुनाव नही होंगे। 14
में से 13 निगमों में कांग्रेस की सरकार है। राज्य निर्माण के बाद पहली बार
तय कार्यकाल के पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं हो पाए हैं। पहली बार
प्रदेश में प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी। पंचायत चुनाव में भी पंचायतों
में नए सरपंच मिलेंगे।
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