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निकाय-पंचायत चुनाव के रिजल्ट डेट पर कांग्रेस को आपत्ति

 रायपुर। छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजों की तारीख पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज न...


 रायपुर। छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजों की तारीख पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि रिजल्ट एक साथ जारी किया जाना चाहिए। इस पर कांग्रेस आपत्ति कर रही है। दीपक बैज ने सरकार को जनता से जुड़े काम करने में विफल भी बताया। उन्होंने कहा कि किन मुद्दों को लेकर वह इस नगरीय निकाय चुनाव में उतरने जा रहे हैं। दीपक बैज ने कहा कि नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम एक साथ घोषित किए गए हैं। निकायों के परिणाम 15 फरवरी को आयेंगे। पंचायतों के परिणाम 18, 21, 24 फरवरी को घोषित होंगे। जब एक साथ चुनाव की अधिसूचना जारी हुई है। आचार संहिता एक साथ लगी है। पंचायतों एवं निकायों के परिणाम एक साथ घोषित होना चाहिए। अमूमन निर्वाचन आयोग अलग-अलग राज्यों के चुनाव कार्यक्रम जब भी घोषित करता है तो भले मतदान अलग-अलग तिथि पर हो, परिणाम एक साथ ही आते हैं। बैज ने कहा इस संबंध में हमने प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा है। कांग्रेस के तरफ से आपत्ति दर्ज कराई है। उम्मीद है निष्पक्ष चुनाव के लिये हमारी आपत्ति पर ध्यान देकर दोनों चुनाव परिणाम एक साथ 24 फरवरी को घोषित किया जाएगा। चुनाव के कार्यक्रम घोषित होने से छात्रों और अभिभावकों की परेशानियां बढ़ गई है। चुनाव और परीक्षाएं टकरा रही है। CBSC, ICSC, CG BOARD की परीक्षाएं भी लगभग इसी समय चलेगी। हमने सरकार से पहले भी मांग किया था, ऐसी व्यवस्था बने जिससे परीक्षाएं न टकराए। पहले भाजपा ने हार के डर से चुनाव नहीं कराया और अब आलोचना से डरकर चुनाव की घोषणा हुई तो परीक्षाओं का ख्याल नहीं रखा गया। यह स्थानीय निकाय चुनाव भाजपा सरकार की नाकामी और वादाखिलाफी पर लड़ा जाएगा। पिछले 1 साल में भाजपा की साय सरकार जनता की उम्मीदों पर विफल साबित हो चुकी है। वनरक्षकों, पुलिस आरक्षकों और सरकारी नौकरी में हुए भ्रष्टाचार और सरकारी नौकरियां बेचे जाने के कारण युवा सरकार से नाराज है। विधानसभा चुनाव में 1 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। एक साल में 20 हजार नौकरियां मिलनी थी, लेकिन एक साल में भर्ती नहीं निकाली गई। युवा ठगे महसूस कर रहे हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई। नक्सलवादी घटनाओं में बढ़ोतरी हो गई। नक्सली घटनाएं बढ़ गई। सरकार ने 1 साल में कोई घोषित नक्सल नीति नहीं बनाई। रोज नक्सली हत्याएं कर रहे। सरकार बयान देने तक सीमित है। हम इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे।

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