रायपुर । लोकसभा और नगरीय निकाय चुनावों में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान पर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए दबाव बढ़ रहा है। पीसीसी अध्...
रायपुर
। लोकसभा और नगरीय निकाय चुनावों में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान पर नए
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए दबाव बढ़ रहा है। पीसीसी अध्यक्ष के लिए
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का नाम चर्चा में आते ही प्रदेश के कई
बड़े नेता लामबंद हो गए हैं। इस मुद्दे पर दिल्ली तक लॉबिंग शुरू हो चुकी
है। जिसे लेकर सिंहदेव का कहना है कि किसी को सिर्फ जातीय या वर्गीय आधार
पर पद नहीं मिलना चाहिए, बल्कि ये देखना जरूरी है कि कौन सबसे अच्छा
नेतृत्व कर सकता है। दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राहुल और
प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के
कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा के लिए दिल्ली
पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस समय दिल्ली में हैं। जबकि
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और शिव डहरिया भी दिल्ली पहुंच गए हैं। इधर पूर्व
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक लखेश्वर बघेल, पूर्व विधायक संतराम
नेताम और फूलीदेवी नेताम काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को ही
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल
गांधी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राजनीतिक विषयों पर चर्चा की है।
कांग्रेस में यह चर्चा जोरों पर है कि आदिवासी नेतृत्व को आगे लाया जाए या
टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। आदिवासी नेताओं का तर्क है कि
चूंकि मुख्यमंत्री पद गैर-आदिवासी नेता (विष्णुदेव साय) के पास है, ऐसे में
प्रदेश कांग्रेस की कमान आदिवासी नेता को दी जानी चाहिए। प्रदेश के कुछ
बड़े नेताओं ने दिल्ली में मानपुर-मोहला विधायक इंदर शाह मंडावी और पूर्व
मंत्री अमरजीत भगत का नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि, भगत के खिलाफ ईडी और
आईटी की जांच को देखते हुए उनकी संभावनाएं कमजोर मानी जा रही हैं। दूसरी
ओर, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का नाम भी चर्चा में है, लेकिन पार्टी
के एक बड़े धड़े की प्राथमिकता अब भी टीएस सिंहदेव ही हैं। प्रदेश अध्यक्ष
की रेस में सबसे आगे सिंहदेव ही हैं।
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