सुकमा। जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के धनीकोर्ता गांव में एक अज्ञात बीमारी फैली है, जिससे बीते दो माह के भीतर 8 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. गा...
सुकमा।
जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के धनीकोर्ता गांव में एक अज्ञात बीमारी फैली है,
जिससे बीते दो माह के भीतर 8 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. गांव में लोग
सीने, हाथ-पैर में दर्द और सूजन जैसी बीमारी का प्रकोप जारी है, जिससे दहशत
का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में तीन दिनों से शिविर लगाकर
लोगों की जांच कर रही है. अब तक 80 ग्रामीणों की जांच की गई, जिनमें से 37
लोगों को दर्द की शिकायत मिली है, जबकि 9 लोग मलेरिया से पीड़ित पाए गए
हैं. हालांकि, अब तक इस अज्ञात बीमारी की सटीक वजह का पता नहीं चल सका है.
धनीकोर्ता गांव में 620 से अधिक लोग निवास करते हैं. ग्रामीणों का कहना है
कि इस बीमारी के चलते गांव में डर का माहौल है. लोग अस्पताल जाकर भी ठीक
नहीं हो रहे हैं, बल्कि वहां से शव ही वापस लौट रहे हैं. इसके चलते
ग्रामीणों का भरोसा झाड़-फूंक और पारंपरिक इलाज पर बढ़ता जा रहा है. गांव
में चार झाड़-फूंक करने वाले ‘वड्डे’ हैं, जहां बीमार ग्रामीणों को पहले ले
जाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई जागरूकता अभियान नहीं
चलाया गया, जिससे लोग इलाज को लेकर सतर्क हो सकें. बुधवार को धनीकोर्ता
गांव के लखापारा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर मरीजों का इलाज
किया. एक बुजुर्ग महिला को पेड़ के नीचे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था, जबकि
कुछ ग्रामीणों की जांच की जा रही थी. ग्रामीणों के चेहरों पर भय स्पष्ट दिख
रहा था. सुकमा जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर स्थित धनीकोर्ता जो कि कुन्ना
पंचायत का आश्रित गांव है. यहां तीन पारा- लखापारा, पटेलपारा में कुल 620
लोग निवासरत हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सीने, हाथ-पैर में दर्द
और सूजन जैसी बीमारियों के चलते अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से
दो मरीजों की मौत छिंदगढ़ और जिला अस्पताल सुकमा में इलाज के दौरान हुई,
जबकि दो छोटे बच्चों की मौत चेचक से होने की बात सामने आई है. हालांकि,
वर्तमान में स्थिति सामान्य है और ग्रामीणों का इलाज जारी है, लेकिन इलाज
के बावजूद मौतें हो रही हैं, जिससे गांव में डर का माहौल बना हुआ है.
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