Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Sunday, March 30

Pages

ब्रेकिंग

ASP अभिषेक महेश्वरी का मकान सील

रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में बुधवार को सीबीआई के छापे से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सट्टेबाजों से प्रोटेक्शन मनी के तौर पर हर...

रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में बुधवार को सीबीआई के छापे से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सट्टेबाजों से प्रोटेक्शन मनी के तौर पर हर माह लाखों रुपये लेने वाले चार आईपीएस, दो एडिशनल एसपी, दो इंस्पेक्टर समेत दो हवलदारों को अब गिरफ्तारी का डर सताने लगा है। दरअसल, राज्य वित्त आयोग के पूर्व सदस्य और अधिवक्ता नरेशचंद्र गुप्ता ने महादेव ऑनलाइन सट्टे को लेकर 18 फरवरी, 2025 को सीबीआई के डायरेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा था, जिसमें पुलिस अफसरों की संलिप्तता का जिक्र करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। गुप्ता की इस शिकायत को सीबीआई की छापे की कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है। अधिवक्ता नरेशचंद्र गुप्ता ने सीबीआई डायरेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि महादेव बेटिंग एप सट्टे के केस में रायपुर जेल में बंद एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, असीम दास और महादेव एप के प्रोपराइटर शुभम सोनी आदि के बयान ईडी ने दर्ज किए थे। इसमें आरोपितों ने बताया था कि चार प्रभावशाली आईपीएस समेत अन्य अधिकारियों के संगठित सिंडीकेट ने राजनेताओं के साथ मिलीभगत कर ऑनलाइन सट्टेबाजी के खेल को बढ़ावा देने के एवज में हर महीने लाखों रुपये लिए हैं। सट्टेबाजी के पैसे आतंकवाद और नार्को फंडिंग से जुड़े होने की संभावना है। महादेव एप के प्रमोटर शुभम सोनी ने वर्ष 2023 में वीडियो जारी कर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संरक्षण राशि के रूप में 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप लगाया था। अधिवक्ता गुप्ता ने आगे बताया कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने ईडी की हिरासत में कबूल किया था कि हवाला चैनलों के माध्यम से दुबई से उसने 81 करोड़ से अधिक प्राप्त किए थे। इस रकम को आईपीएस समेत पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को वितरित किया। मई 2022 से पहले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सीधे तौर पर आईपीएस आनंद छाबडा, दुर्ग के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, अभिषेक पल्लव, रायपुर के एसएसपी शेख आरिफ और प्रशांत अग्रवाल के संपर्क में थे। दरअसल, उस समय उनके पास छोटे स्तर का व्यवसाय था और उन्हें उनसे सुरक्षा मिली हुई थी। जैसे-जैसे इनका क्षेत्र पूरे छत्तीसगढ़ में फैलता गया, पुलिस कार्रवाई से सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी की भागीदारी जरूरी हो गई। इसके बाद सभी अफसरों ने पद का दुरुपयोग करके उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया और बदले में उन्होंने उनसे लाखों की रिश्वत ली। सीबीआई की टीम ने रायपुर और राजनांदगांव स्थित एएसपी अभिषेक माहेश्वरी के घर भी दबिश दी। मगर, इस दौरान वहां कोई नहीं था। इसके बाद टीम ने उनके दोनों घरों को सील कर दिया है। वहीं, भिलाई स्थित आईपीएस अभिषेक पल्लव के घर पर जब सीबीआई की टीम पहुंची, तो वे ड्यूटी के लिए निकलने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें घर में ही रोक लिया। रायपुर में दो इंस्पेक्टर, दो हवलदार के घर भी दबिश दी।

No comments