रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने राजधानी रायपुर के दो अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की है. आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमय...
रायपुर।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने राजधानी रायपुर के दो अस्पतालों का लाइसेंस
रद्द करने की अनुशंसा की है. आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि
महिलाएं मां बनने की चाह में आईवीएफ अस्पताल जाती हैं. जहां पर उन्हें मां
बनने के सुनहरे सपने दिखाकर अस्पताल द्वारा लाखों रुपये लिया जाता है. ऐसे
में आयोग द्वारा शासन एवं ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल को अनुशंसा किया जायेगा
कि ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई किया जाए. जरूरत पड़ने पर इन अस्पतालों
का लाइसेंस भी रद्द किया जाए.
जानकारी के अनुसार, एक महिला ने आयोग में
शिकायत दर्ज कराई थी कि आईवीएफ हॉस्पिटल द्वारा उसे मातृत्व सुख का झांसा
देकर लाखों रूपये लूट लिया गया. जबकि पीड़िता के 11 भ्रूणों को अस्पताल ने
अपने लापरवाही के चलते नष्ट कर दिया गया. पीड़िता ने बताया कि मां बनने की
चाह में उसका आईवीएफ अस्पताल में कुल 18 लाख रूपये खर्च हुआ.
इस पूरे मामले की महिला आयोग ने कई दौर की विस्तृत सुनवाई की। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने बिंदुवार अपना फैसला सुनाया-
एक माह के अंदर अनावेदिका क्र. 1, आवेदिका को भ्रूण प्रत्यारोपण कर मां बनने की प्रक्रिया प्रारंभ करें.
भ्रूण प्रत्यारोपण नहीं किये जाने की दशा में अनावेदिका क्र. 1 आवेदिका के हुए खर्च 18 लाख रुपये एवं 2,80,000 रुपये वापस करें.
अनावेदिका क्र. 2 भी 2,80,000 रुपये की देनदारी में संयुक्त रूप से जिम्मेदार होगी.
आयोग के द्वारा दिये गये आदेश का अनावेदिकागणों द्वारा अपालन की दशा में,
उनके दोनों क्लिनिक का लाइसेंस समाप्त किये जाने की अनुशंसा ऑल इंडिया
मेडिकल काउंसिल नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य मेडिकल काउंसिल व सचिव
स्वास्थ्य विभाग राज्य शासन छत्तीसगढ़ को पत्र प्रेषित किया जायेगा.
दोनों
अनावेदकगण मिलकर आवेदिका को 2,80,000 रुपये संयुक्त रूप से 1 माह के अंदर
आयोग के समक्ष देवें तथा अनावेदिका क्र. 1 आवेदिका का भ्रूण प्रत्यारोपण
करें, नहीं करने की दशा में 18 लाखरुपये आवेदिका को वापस करें. नहीं किए
जाने की दशा में आयोग के अनुशंसा क्रमांक 4 का क्रियान्वयन के लिए पत्र
आयोग की ओर से केंद्र सरकार को प्रेषित कर दिया जायेगा तथा प्रकरण का अंतिम
निराकरण भी कर दिया जायेगा.
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